*दिल्ली हिंसा:*
*पुलिस को कबूलनामा लीक होने की जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश*
*नई दिल्ली।* उच्च न्यायालय ने दिल्ली हिंसा से जुड़े मामले में गिरफ्तार जामिया विश्वविद्यालय के एक छात्र का पुलिस के समक्ष दिया गया इकबालिया बयान मीडिया में लीक होने के आरोपों की जांच से संबंधित रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने इस बारे में उठाए जाने वाले अगले कदम की भी जानकारी देने को कहा है।
जस्टिस विभु बाखरू ने यह आदेश तब दिया, जब दिल्ली पुलिस की ओर से पेश अधिवक्ता अमित महाजन ने कहा कि केस डायरी से आरोपी का इकबालिया बयान (कबूलनामा) लीक होने के मामले की सतर्कता जांच पूरी हो गई है। महाजन ने यह जानकारी देते हुए रिपोर्ट पेश करने के लिए न्यायालय से वक्त देने की मांग की थी।
उच्च न्यायालय ने जामिया विश्वविद्यालय के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा की ओर से दाखिल याचिका पर दिया है। याचिका में पुलिस पर उसका बयान मीडिया में लीक होने के मामले में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया है। तन्हा की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने न्यायालय से कहा कि दस्तावेजों के लीक होना यह संज्ञेय अपराध है। उन्होंने कहा कि इस बारे में दिल्ली पुलिस द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में पूछे जाने के अलावा लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ समुचित कार्रवाई की मांग की है।
याचिका में कहा गया है कि मीडिया संस्थानों द्वारा ऐसे दस्तावेज मीडिया में लाया जाना कार्यक्रम संहिता का उल्लंघन है। अग्रवाल ने इस बारे में लिखित बयान दाखिल करने के लिये समय मांगा है। इसके साथ ही न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 18 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी।
नगारिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध को लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में 53 लोगों की मौत हो गई, जबकि 200 से अधिक घायल हुए।