यह वो लोग है जिनकी जिंदगी सड़को पर बीता करती थी, आसमान छत थी और सड़क बिछोना…
लखनऊ 23 नवम्बर। यह वो लोग है जिनकी जिंदगी सड़को पर बीता करती थी, आसमान छत थी और सड़क बिछोना, किसी ने कुछ देदिया तो खा लिया वरना आंसू पेट भर दिया करते थे। जब इनके बारे में पता किया तो पता चला कि अपनो ने सड़को पर छोड़ दिया और परिवार ने मुँह मोड़ लिया।
उम्मीद संस्था ऐसे लगभग 20 बेघर बुजुर्गों का पालन पोषण करती है जिनका अब कहने के लिए सिर्फ संस्था है और वो लोग जो अपना समय निकाल कर इनसे मिलने आते है। यह सभी बुजुर्ग उम्मीद संस्था द्वारा संचालित नगर निगम के जियामऊ रैन बसेरे में रह रहे है। इनके साथ साथ संस्था द्वारा 2 पमोलियन लावारिस डॉग्स को भी अपनाया गया है जो रोज सुबह इन सबके साथ प्राथना में शरीख होते है। उम्मीद संस्था शहर के सभी उन लोगो का धन्यवाद देना चाहती है जिनके सहयोग से संसाधन जुटाए जाते है परंतु आप सभी से निवेदन है कि अब सर्दियां आ रही है और संस्था द्वारा 8 रैन बसेरे संचालित किए जाते है जिसके लिए कंबल, चादर, गरम कपड़े, कच्चा राशन, साबुन, मंजन, तौलिये, पर्दे, आदि की आवशकता है। आइये इस नेक सेवा में अपना योगदान दे।-
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट..