*न्यायाधीश तय करेंगे तत्काल सुनवाई जरूरी या नहीं*

*न्यायाधीश तय करेंगे तत्काल सुनवाई जरूरी या नहीं*

*नई दिल्ली।* अदालतों में वीडियो कांफ्रेंस से होने वाली सुनवाई में वादी-प्रतिवादी या उनके वकील के शामिल नहीं होने पर आगे की कार्रवाई/सुनवाई संबंधित न्यायाधीश तय करेंगे। उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ने इस बारे में आदेश जारी किया है।

किसी मामले की वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई की तारीख पर वादी-प्रतिवादी या उनकी ओर से अधिवक्ता पेश नहीं होने पर मामले की गंभीरता और तत्काल सुनवाई की जरूरत है या नहीं, यह तय करना अदालत के न्यायाधीश का विशेषाधिकार होगा। उच्च न्यायालय ने 15 अगस्त के अपने उस आदेश की समीक्षा करते हुए निर्देश जारी किया है जिसके तहत नियमित अदालत में कामकाज शुरू होने तक वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई में भाग नहीं लेने पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया गया था।

उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल मनोज जैन ने बुधवार को इस बारे में कहा है कि सभी अधीनस्थ अदालतों में वीडियो कांफ्रेंस से होने वाली सुनवाई में वादी-प्रतिवादी या उनके वकील के शामिल नहीं होने पर आगे की कार्रवाई/सुनवाई संबंधित न्यायाधीश तय करेंगे। यह संबंधित न्यायाधीश का विशेषाधिकार होगा। उच्च न्यायालय ने अपने इस आदेश की प्रति केंद्र व दिल्ली सरकार के सभी संबंधित विभागों, सभी जिला जजों, संबंधित अधिकारियों के अलावा सभी बार एसोसिएशन को भेज दी है।