*उच्च न्यायालय ने दिए एसपी को चार सप्ताह में*
*फर्जी एनओसी मामले में कार्रवाई के आदेश*
*हिसार।* फर्जी एनओसी के सहारे हरियाणा स्कूली शिक्षा निदेशालय से नौंवी से बारहवीं कक्षा तक की मान्यता हासिल करने के मामले में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने निजी स्कूल व संबंधित शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ चार सप्ताह में शिकायत पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
वीरवार को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सुदीप अहलूवालिया ने मामले की सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार की शिकायत पर आदेश किए हैं।
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने आज यहां बताया कि उन्होंने भिवानी एसपी को दी शिकायत में बताया था कि आसलवास मरहेटा गांव स्थित वत्स इंटली प्रभुराम सीनियर सेकेंडरी स्कूल द्वारा फायर विभाग की फर्जी एनओसी तैयार कर हरियाणा स्कूली शिक्षा निदेशालय से नौंवी से बारहवीं कक्षा तक की मान्यता 2018 में प्राप्त कर ली थी।
इसी मामले में आरटीआई के जरिए असल व फर्जी एनओसी भी शिक्षा निदेशालय से प्राप्त कर ली थी।
जिसके बाद मामले की शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी भिवानी अजीत सिंह श्योराण को की थी लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी ने इस शिकायत पर कार्रवाई करने की बजाए खुद ही कुंडली जमा शिकायत को ही दबा दिया था।
इसी मामले में श्री परमार ने अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल के माध्यम से 09 नवंबर को हाई कोर्ट में मामले में न्याय की गुहार लगाई और आज न्यायालय ने सुनवाई के दौरान भिवानी एसपी को चार सप्ताह के अंदर शिकायत पर कार्रवाई करने के आदेश किए हैं।
बृजपाल सिंह परमार ने मामले की शिकायत में वत्स इंटली प्रभुराम सीनियर सेकेंडरी स्कूल आसलवास मरहेटा के डॉयरेक्टर गजानंद शर्मा, स्कूल संचालक संदीप शर्मा, स्कूल प्राचार्या दीक्षा शर्मा सहित सरकारी स्कूल के प्राचार्य श्रीराम शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी करने व सरकारी दस्तावेजों से छेड़छाड़ करने पर आपराधिक धाराओं के तहत केस दर्ज किए जाने व जिला शिक्षा अधिकारी भिवानी अजीत सिंह श्योराण के खिलाफ शिकायत दबाने व निजी स्कूल से मिलीभगत करने पर केस दर्ज किए जाने की मांग की गई थी।