*दिल्ली दंगे से संबंधित मामले में अदालत ने दो लोगों को ज़मानत दी*
*नई दिल्ली, 07 नवंबर।* दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी में हुए सांप्रदायिक दंगों से संबंधित मामले में दो लोगों को जमानत दे दी। अदालत ने कहा कि घटना का कोई सीसीटीवी फुटेज नहीं मिला है, जिससे उनकी पहचान की जा सके। इस मामले में एक स्थानीय निवासी और कई पुलिसकर्मी गोली लगने से घायल हो गये थे। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने गुलफाम और आतिर को 25-25 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि पर जमानत दे दी। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान मौजपुर चौक पर हुई एक घटना में रोहित शुक्ला नामक एक व्यक्ति को कथित रूप से गोली लगी थी। दंगों के दौरान दिल्ली पुलिस के एक हेड कांस्टेबल पर बंदूक तानने वाला शाहरुख पठान भी इस मामले में आरोपी है। उसकी वह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। शाहरुख इस मामले में न्यायिक हिरासत में है। अदालत ने छह नवंबर को पारित आदेश में कहा कि शुक्ला ने नौ मार्च को दर्ज कराए गए अपने बयान में गुलफाम और आतिर का नाम नहीं लिया था। बाद में एक अप्रैल को उसने उनकी पहचान की। अदालत ने इन दोनों को जमानत देते हुए सबूतों से छेड़छाड़ न करने और बिना पूर्व अनुमति दिल्ली से बाहर नहीं जाने का निर्देश दिया। हालांकि अदालत ने इस मामले में सलमान नामक एक आरोपी की जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि जांच के दौरान एक गवाह ने सीआरपीसी की धारा 161 के तहत दर्ज कराए गए अपने बयान में कहा है कि उसने सलमान को ”अल्लाहू अकबर” के नारे लगाते और भीड़ को एक समुदाय के खिलाफ उकसाते हुए देखा था।