*कुछ कर दिखाने में विश्वास करता है जामिया : कुलपति*

*कुछ कर दिखाने में विश्वास करता है जामिया : कुलपति*

*नई दिल्ली, 29 अक्टूबर।* जामिया मिल्लिया इस्लामिया का शताब्दी स्थापना दिवस समारोह गुरुवार को मनाया गया। विश्वविद्यालय के डॉ. एमए अंसारी ऑडिटोरियम फोरकोर्ट में आयोजित समारोह में जामिया की कुलपति प्रो नजमा अख्तर ने कहा कि जामिया एक अनूठी संस्था है। यह कर दिखाने के फलसफे में विश्वास करता है। यही कारण है कि यह राष्ट्र और समुदाय द्वारा निर्धारित नवीनतम शैक्षिक उद्देश्यों और आदर्शों को पाने में बड़ी उड़ान भरता जा रहा है।

समारोह के प्रारंभ में जामिया के एनसीसी कैडेटों ने कुलपति प्रो. नजमा अख्तर और समारोह के मुख्य अतिथि, जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय के चांसलर और सीईओ हमदर्द लेबोरेट्रीज को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। दोनों ने जामिया का झंडा फहराया। कुलपति ने कहा कि जामिया ने हमेशा अपनी मौजूदा क्षमता और संसाधनों के अनुरूप सर्वोत्तम काम किया है। इसके समर्पित शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय की गुणवत्ता लगातार बढ़ाने में हर मुमकिन कोशिश की है। अपनी स्थापना के समय से ही विश्वविद्यालय ने सह-शिक्षा और स्वस्थ संस्कृति के विकास के विचार को अपनाया है। जामिया एक ऐसे समाज के बारे में सोचना पसंद करता है जहां महिलाओं को किसी भी तरह के भेदभाव के बिना, उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने और उनके हितों को साधने के सभी अवसर मिलें।

विश्वविद्यालय की अकादमिक और अनुसंधान उपलब्धियों के बारे में उन्होंने कहा कि यूजीसी ने विश्वविद्यालय को विदेशी भाषाओं, अस्पताल प्रबंधन और हास्पिस स्टडीज, डिजाइन और नवाचार तथा पर्यावरण विज्ञान जैसे नए उभरते क्षेत्रों में चार विभाग खोलने की अनुमति दी है। प्रो. अख्तर ने यह भी कहा कि कोविड -19 की वजह से शताब्दी समारोह का आयोजन न्यूनतम उपस्थिति के साथ किया गया है। लेकिन, यह पूरे एक वर्ष तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि जिन कार्यक्रमों को शामिल नहीं किया गया है, उन्हें कोविड हालात को नियंत्रित कर लेने के बाद आयोजित किया जाएगा।

शताब्दी दिवस के लिए जामिया को बधाई देते हुए समारोह के मुख्य अतिथि हामिद अहमद ने कहा कि दोनों संस्थान मेडिकल और यूनानी कॉलेज और अस्पताल स्थापित करने में सहयोग कर सकते हैं। उन्होंने जामिया के स्कूलों और हमीद नेशनल फाउंडेशन के माध्यम से जामिया में हकीम अब्दुल हमीद चेयर स्थापित करने में मदद करने की पेशकश की।

शताब्दी समारोह के तहत ‘मेकिंग ऑफ द यूनिवर्सिटी शीर्षक से दुर्लभ पांडुलिपियों, तस्वीरों, दस्तावेजों, पुस्तकों और पत्रों को प्रदर्शित करते हुए विश्वविद्यालय के महान इतिहास को दर्शाया गया। इस मौके पर एक मुशायरा और कवि सम्मेलन भी हुआ।

जामिया की कुलाधिपति और मणिपुर की राज्यपाल डॉ. नजमा हेपतुल्ला ने अपने रिकॉर्ड किए गए वीडियो संदेश के जरिए दर्शकों को संबोधित किया और विश्वविद्यालय को अपने 100 साल पूरा करने की बधाई दी।