ईडी ने पोल्ट्री फर्म के प्रवर्तक की संपत्ति कुर्क की…
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर। आंध्र प्रदेश में कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी के एक मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 7.57 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को यह जानकारी दी। ईडी ने एक बयान में बताया कि कुल 21 अचल संपत्ति और पोलेपल्ली वेंकट प्रसाद और उनके परिवार की एक परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी के पास रखे गये 50 लाख रुपये को पीएमएलए के तहत अस्थाई रूप से कुर्क किया गया है। अचल संपत्ति आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले में स्थित है। यह मामला पीबीआर पोल्ट्री टेक कंपनी के प्रबंध साझेदार प्रसाद और अन्य साझेदारों के इंडियन ओवरसीज बैंक (पश्चिम गोदावरी जिले के तेनुकु में वीरभद्रपुरम शाखा) के साथ 7.34 करोड़ रुपये की कथित तौर पर धोखाधड़ी से संबंधित है। ईडी ने जांच में पाया कि पोल्ट्री फर्म ने पैनल अधिवक्ताओं की मिलीभगत से गिरवी रखी गई संपत्तियों का मूल्य ‘‘सकल रूप से बढ़ाकर’’ आईओबी से 5.60 करोड़ रुपये का सावधि ऋण लिया था। ईडी ने दावा किया, ‘‘प्रसाद ने अपने सहयोगियों के नाम पर सूक्ष्म और लघु उद्यम (सीजीटीएमएसई) ऋण के लिए 1.74 करोड़ रुपये का ‘क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट’ भी प्राप्त किया। यह राशि वापस नहीं की गई और इस कारण आईओबी को 7.34 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। एजेंसी ने कहा कि जब आरोपी इस फर्म से अधिक ऋण नहीं ले सकते थे, तो उन्होंने ऋण प्राप्त करने के लिए एक अन्य मुखौटा (शेल) फर्म की स्थापना की। ईडी ने कहा कि आरोपियों ने एक मुखौटा कंपनी पीबीआर एग्रीटेक प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर 6.73 करोड़ रुपये का रिण और 3.2 करोड़ रुपये का ‘कैश क्रेडिट’ ले लिया। उसने कहा, ‘इस तरह आरोपियों ने धोखाधड़ी से 17.27 करोड़ रुपये का सृजन किया है।’’
संवाददाता राकेश कुमार वर्मा की रिपोर्ट…