सूचना आयुक्तों की नियुक्ति संबंधी जनहित याचिका की तत्काल सुनवाई का न्यायालय से अनुरोध…
नई दिल्ली,19 अक्टूबर उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर अनुरोध किया गया है कि उस जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई की जाए जिसमें निर्धारित समय के अंदर और पारदर्शी तरीके से सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के बारे में सर्वोच्च अदालत के निर्देशों को लागू करने के लिए सरकारी अधिकारियों को निर्देश देने का आग्रह किया गया है। यह आवेदन सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज द्वारा दायर किया गया है। इसमें उन्होंने उच्चतम न्यायालय के 16 दिसंबर 2019 के आदेश के मद्देनजर केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) और राज्य सूचना आयोगों (एसआईसी) में रिक्तियों को भरने के लिए दायर जनहित याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आग्रह किया है। यह जनहित याचिका भी उन्होंने ही दायर की है। न्यायालय ने पिछले साल 16 दिसंबर को केंद्र और राज्य सरकारों को सीआईसी तथा एसआईसी में तीन महीने के भीतर सूचना आयुक्त नियुक्त करने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही न्यायालय ने कहा था कि सूचना का अधिकार कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने की आवश्यकता है। तत्काल सुनवाई वाली याचिका में कहा गया है कि 16 दिसंबर के आदेश का पालन नहीं किया गया है और सीआईसी में रिक्तियों की संख्या अब बढ़कर छह हो गई है। यहां तक कि मुख्य सूचना आयोग का पद भी 27 अगस्त 2020 से खाली पड़ा है। याचिका में कहा गया है 15 अक्टूबर 2020 तक की स्थिति के अनुसार सीआईसी के समक्ष लंबित अपीलों व शिकायतों की संख्या 36,600 से अधिक थी।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…