नेटवर्क कंपनियों की बड़ी-बड़ी बातों की पोल खोलता हुआ यह गांव…

नेटवर्क कंपनियों की बड़ी-बड़ी बातों की पोल खोलता हुआ यह गांव…

बरेली बहेड़ी के ग्राम पैगा और आस पास के ग्रामीण मोबाइल नैवर्क की समस्या से जूझ रहे हैं…..मामले की शिकायत कई बार संबधित टेलीकॉम कंपनियों,संबंधित अधिकारियों और जिला प्रशासन स्तर के अधिकारियों से की जा चुकी है लेकिन किसी के कान में जूं नहीं रेंग रही।ग्राम पैगा और आसपास के गांवों में मोबाइल नेटवर्क की समस्या 2016 से चली आ रही है।स्थानीय लोगों के साथ साथ पधान फाउंडेशन भी मामले की शिकायत कई बार कर चुका है लेकिन हालात जस के तस है। स्थानी स्तर पर मामले की सुनवाई ना होने पर पधान फाउंडेशन के प्रेसिडेंट मुशाहिद मलिक ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के साथ साथ उत्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर ग्राम पैगा और आस पास के गांवो में मोबाइल नैटवर्क की समस्या को हल करने की मांग की है।पधान फाउंडेशन नॉन प्राफिटेबल आर्गेनाइजेशन है जो ग्रामीण स्तर पर गरीबो के लिए भी काम करती है साथ ही ग्रामीणों की समस्या से जुड़े मुद्दे उठाती रहती है।पधान फाउंडेशन ने सरकार के डिजिटल इंडिया स्लोगन पर भी सवाल उठाये हैं….सरकार गांव गांव को इंटरनेट और टेलीकॉम से जुड़े होने और इलेक्ट्रिक सिटी पहुंच जाने का दावा करती है लकिन सच्चाई सरकार के दावों से कोसों दूर है।खास तौर से ग्रामीण अंचल मोबाइल नेटवर्क ना मिलने के चलते बड़ी समस्या से जूझ रहे है।ग्रामीणों के पास एंड्राइड फोन तों हैं लेकिन वो मोबाइल नेटवर्क ना मिलने के चलते देश दुनिया से कटा महसूस करते है।खास तौर से पैगा जैसे गांव में नेटवर्क आता ही नहीं है बात करने के लिए ग्रामीण छतों पर चढ़कर मोबाइल फोन से अपने सगे संबंधियों से बात कर पाते हैं वो भी कभी सिगनल मिलते हैं तो कभी नहीं ऐसे में इमरजेंसी के हालात में ग्रामीण को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता।नैटवर्क ना आने की समस्य का अहसास सबसे ज़्यादा लॉकडाउन के दौरान के दौरान उस वक्त हुआ जब शहर में काम करने वाले अपने अपने गांव में आ गये और वो वर्क फ्रॉम होम नहीं कर पाये जिसके चलते कई नौजवानों को नौकरी तक से हाथ धोना पड़ा।इन्हीं मस्याओं को ध्यान में रखते हुए पधान फाउंडेशन ने प्रधान मंत्री और मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखा है

पत्रकार मुस्तकीम मलिक की रिपोर्ट…