मकान गिराने का अधिकार किसने दिया पीडीए को-रेवती रमण सिंह…
समाजवादी विचारधारा से जुड़े लोगों को प्रताड़ित कर रही हैं सरकार…
प्रयागराज/उत्तर प्रदेश:- हाईकोर्ट में वकालत किए राज्यसभा सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा समाजवादी विचारधारा से जुड़े लोगों के चुन-चुन कर ताबड़तोड़ मकान ध्वस्तीकरण की कार्यवाही पर विरोध दर्ज करते हुए कहा कि यह किसके आदेश पर कार्रवाई हो रही जो बिना नोटिस दिये मकानों को ध्वस्त किया जा रहा है। यह राजनीतिक द्वेषपूर्ण कार्यवाही हैं इमरजेंसी मे भी ऐसा नहीं होता था जिस तरह की कार्यवाही इस सरकार मे हो रही हैं उन्होंने कहा कि सरकारें आती जाती हैं पर अधिकारियों को एक पक्षीय ना होकर न्याय संगत कार्य करना चाहिए।
सांसद ने कहा कि मकान गिराने का अधिकार नहीं है पीडीए को वो सील कर जब्त कर सकतीं हैं जब तक न्यायालय से कोई आदेश ना पारित हो उस पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं हो सकती। माना किसी पर गैंगस्टर एक्ट लगा है और आपने उसका मकान ध्वस्त कर दिया कल को वो न्यायालय से गैंगस्टर एक्ट से बरी हो जाता हैं तो आप उसका मकान और सम्मान वापस करेंगे?
उन्होंने एतराज दर्ज करते हुए कहा कि दिलीप मिश्रा का मार्केट यूनाइटेड कालेज के सामने हैं जिसका निर्माण पीडीए की सीमा में आने से पहले हुआ था तो किस अधिकार से उसे अवैध निर्माण में गिराया गया। इसी प्रकार कितने मुस्लिम समुदाय व पासी और यादव विरादरी के लोगों पर गैंगस्टर की कार्रवाई के नाम पर मकान ध्वस्तीकरण किया गया पीडीए खुद न्यायालय बन गया या ऊपर से आदेशानुसार चुन-चुन कर कार्रवाई हो रही हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार पूरी तरह से तानाशाही रवैया अपनाऐं हैं जो चुन-चुन कर यादव, मुस्लिम, ब्राह्मण और समाजवादी विचारधारा से जुड़े लोगों पर कार्यवाही कर रही हैं। यह सब भाजपा की सोची समझी राजनीतिक चाल हैं कि इस तरह समाजवादी विचारधारा को डरा धमका कर दबा दिया जाए जिससें वो चुनाव तक उभर ना पाये क्योंकि सरकार हर मोर्चे पर फेल हैं इन सब कार्रवाई के बाद भी प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त हैं लुट, हत्या, चोरी, राहजनी, बलत्कार चरम पर हैं पर राजनीति से जुड़े विरोधियों पर कार्यवाही करके सरकार अपनी विफलता छुपने की कोशिश कर रही हैं जिसे जनता अच्छी तरह से समझ रही हैं।
सपा प्रदेश प्रवक्ता विनय कुशवाहा ने कहा कि समाजवादी सरकार के समय मे न्यायालय की समानांतर सरकार चलतीं हैं हर जनहित, भर्ती के निर्णय पर पीआईएल या स्वतः संज्ञान लिया जा रहा था पर आज देश बिक रहा मजदूर सड़क पर मर रहे हैं न्यायालय को दरकिनार कर खुद ही सब निर्णय ले लिए जा रहे हैं अभिव्यक्ति की आजादी छीनी जा रही हैं जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक है पर सब चुप है।
पत्रकार इरफान खान की रिपोर्ट…