दरियाबाद का ऐतिहासिक बहत्तर ताबूत आज,इमामबाड़ मोजिज़नूमा के अन्दर होंगे सभी कार्यक्रम…
क़ैदखाना ए जनाबे सकीना की मंज़रकशी करबला ए हिन्द मोजिज़नूमा में होगी…
बहलोले कायनात अवॉर्डी नजीब इलाहाबादी के संचालन में होगी बहत्तर ताबूत की मंज़रकशी…
क्षेत्रिय अन्जुमनों के साथ उत्तराखण्ड के नौहाख्वान अहसन मंगलौरी पढ़ेंगे खुसूसी नौहा,अहले सुन्नत अन्जुमन भी करेगी शिरकत…
प्रयागराज/उत्तर प्रदेश:- दरियाबाद स्थित करबला ए हिन्द इमामबाड़ा जद्दन मीर साहब से गत कई वर्षों से उठने वाला ऐतिहासिक बहत्तर ताबूत का जुलूस इस वर्ष कोविड १९ के कारण दरियाबाद क़ब्रिस्तान न ले जाकर इमामबाड़ा के इर्द गिर्द ही सिमटा रहेगा। बहत्तर ताबूत आयोजन कमेटी के अध्यक्ष रज़ा हसनैन की देख रेख में बहत्तर ताबूत की दर्द अंगेज़ मन्ज़रकशी का सभी कार्यक्रम रवायती अन्दाज़ मे सम्पन्न होगा।अन्जुमन खुद्दामे मोजिज़नूमा और बहत्तर ताबूत आयोजन कमेटी के मीडिया डायरेक्टर सैय्यद मोहम्मद अस्करी के मुताबिक़ 11 अकतूबर (23 सफर) रविवार प्राताः 9 बजे से कार्यक्रम की शुरुआत हो जाएगी।ज़रखेज़ नजीब की तक़रीर के बाद एक एक कर निकाले जाँएगे बहत्तर ताबूत तत्पश्चात क्षेत्रिय अन्जुमनों के नौहाख्वानो व मातमदारों द्वारा नौहा और मातम का सिलसिला शुरु होगा वहीं उत्तराखण्ड के ख्याती प्राप्त नौहाख्वान अहसन मंगलौरी खुसूसी नौहा पढ़ेंगे और महंगाँव की अहले सुन्नत अन्जुमन भी नज़राना ए अक़ीदत पेश करेगी।
बहत्तर ताबूत की डाक्यूमेंट्री फिल्म अमाफहा प्रोडक्शन करेगा रिलीज़
इमामबाड़ा जद्दन मीर साहब से उठने वाले ऐतिहासिक बहत्तर ताबूत की डाक्यूमेन्ट्री फिल्म अमाफहा प्रोडक्श के आफताब रिज़वी की टीम तय्यार कर रही है जिसको बहत्तर ताबूत के सम्पन्न होने के बाद रिलीज़ किया जाएगा।
इमामबाड़ा जद्दन मीर साहब व अन्जुमन खुदामें मोजिज़नुमा के फाउण्डर वरिष्ठ अधिवक्ता स्व सैय्यद नईमुल हसनैन की मजलिस ए देसा इमामबाड़ा मोजिज़नुमा में सोशल डिस्टेन्सिंग के साथ हुई।सोज़ख्वानी मंज़रुल हिन्दी तथा पेशख्वानी डॉक्टर नायाब बलयावी, ऐरम बनारसी व अमन इलाहाबादी ने मखसूस अन्दाज़ मे पेश की।फैज़ाबाद के मौलाना वसी हसन खाँ ने स्व सै०नईमुल हसनैन, स्व आबिदा नक़वी की मजलिस ए देसा को खिताब करते हुए क़ुरआन व हदीस के हवाले से माँ और बाप की औलाद को कैसी खिदमत करनी चाहिये इस पर तफसीली बयान देते हुए करबला के शहीदों की क़ुरबानी का ज़िक्र किया।दरियाबाद की अन्जुमन मोहाफिज़े अज़ा क़दीम के नौहाख्वान ग़ुलाम अब्बास नक़वी ने अपने हमनवाँ साथियों के साथ दर्द भरा नौहा पढ़ा तो हर आँख अश्कों से तर बतर हो गई।मजलिस में रज़ा हसनैन,नजीब इलाहाबादी, आफताब रिज़वी, सैय्यद अज़ादार हुसैन, बाक़र नक़वी, हसन नक़वी, सैय्यद मोहम्मद अस्करी, रौनक़ सफीपुरी, ज़रखेज़ नजीब समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
अन्जुमन नक़विया ने जुलूसे अज़ा न निकालते हुए कराया मजलिस का आयोजन
अन्जुमन ए नक़विया कमेटी की ओर से पुरी रात चलने वाले जुलूस ए अज़ा को कोविड 19 की गाईड लाईन और मरजा ए कराम तथा हुकूमत ए हिन्द की गाईड लाईन पर अमल करते हुए नहीं निकाला गया। अन्जुमन नक़विया जुलूस ए अज़ा कमेटी के हसन नक़वी, रौनक़ सफीपुरी, मंज़र नक़वी,क़िबला नक़वी, अरशद हुसैन, अली आला ज़ैदी, शानू नक़वी, सुलतान आब्दी, अब्बास नक़वी शेरु आदि ने मरजा ए वक़्त की हिदायत पर जुलूस ए अज़ा न निकालने का फैसला करते हुए अज़ाखाना सरकार मीर साहब दरियाबाद में सीमित लोगों की उपस्थिति में केवल मजलिस का आयोजन करते हुए रवायत की रस्म अदायगी निभाते हुए मजलिस को आयोजित किया।ज़ाकिर ए अहलेबैत क़ुदसी रिज़वी ने मजलिस को खेताब किया।बाद मजलिस शबीहे ताबूत इमाम हुसैन, शबीहे अलम व ज़ुलजनाह निकाला गया।अक़ीदतमन्दों ने फूलों व सूती चादर चढ़ा कर मन्नत व मुरादें मांगी।अन्जुमन नक़विया के नौहाख्वान शबी हसन शारु ने ग़मगीन नौहा पढ़ा तो मातमदारों ने सीनाज़नी करतेक्षहुसैने मज़लूम को खेराजे अक़ीदत पेश की।
पत्रकार इरफान खान की रिपोर्ट…