इमाम रज़ा की शहादत पर नहीं निकला 78 साल पुराना जुलूस…

इमाम रज़ा की शहादत पर नहीं निकला 78 साल पुराना जुलूस…

इमामबाड़ा स्व साजिद अली रानी मण्डी में हुई मजलिस को ज़ाकिरे अहलेबैत रज़ा अब्बास ने किया खेताब, ज़ैग़म अब्बास ने पढ़ी मर्सिया…

अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया के नौहाख्वानों ने पढ़ा पुरदर्द नौहा…

शबीहे ताबूत इमाम रज़ा और ग़ाज़ी अब्बास के अलम की ज़ियारत करने के साथ अक़ीदतमन्दों ने चढाए अक़ीदत के फूल…

प्रयागराज/उत्तर प्रदेश:- इसलामिक माह सफर उल मुरज्जब की 17 को शहादत इमाम रज़ा पर रानी मण्डी स्थित बच्चा जी धरमशाला के पास अज़ाखाना स्व साजिद अली से इस वर्ष शहादत पर उठने वाला 78 वर्ष पुराना जुलूस नहीं निकाला गया।कोविड १९ के दृष्टिगत जुलूस न निकालते हुए अज़ाखाना स्व साजिद अली में मजलिस का आयोजन किया गया।मजलिस में सोज़ख्वान ज़ैग़म अब्बास ने मर्सियाख्वानी में दर्दअंगेज़ वाक़ेयात का मार्मिक अन्दाज़ मे ज़िक्र किया।ज़ाकिरे अहलेबैत रज़ा अब्बास ज़ैदी ने शहादत इमाम रज़ा पर ढाए गए ज़ुलमो सितम की दास्ताँ सुनाई।गुलाब और चमेली के फूलों से सजा कर ताबूत इमाम रज़ा,ग़ाज़ी अब्बास का अलम और ज़ुलजनाह की शबीह की जियारत भी कराई गई।अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया के नौहाख्वान शादाब ज़मन, शबीह अब्बास जाफरी, अस्करी अब्बास,अखलाक़ रज़ा,ज़हीर अब्बास,कामरान रिज़वी,अकबर रिज़वी ने ग़मगीन नौहा पढ़ा।बाद मजलिस महिलाओं ने भी नौहा और मातम का नज़राना पेश करते हुए अलम ताबूत व ज़ुलजनाह पर अक़ीदत का इज़हार करते हुए मन्नत व मुरादें मांगी। मजलिस में ज़ायर हुसैन, मंज़र कर्रार, एजाज़ हुसैन, काज़िम अब्बास, अहमद जावेद कज्जन, सैय्यद मोहम्मद अस्करी, ज़ामिन हसन,रिज़वान अली अख्तर, फर्रुख अब्बास आदि मौजूद रहे।

पत्रकार इरफान खान की रिपोर्ट…