राष्ट्रीय बेरोज़गारी दिवस मना रहे सपा पदाधिकारीयों पर लाठियाँ भांजने और गिरफ्तार करने की निन्दा…
प्रयागराज/उत्तर प्रदेश:- बेरोज़गारों को रोज़गार देने की मांग कर रहे छात्रों और सपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस प्रशासन द्वारा लाठी के दम पर उनकी उचित मांग को दबाए जाने पर समाजवादी पार्टी के ज़िलाध्यक्ष योगेश चन्द्र यादव महानगर अध्यक्ष सैय्यद इफ्तेखार हुसैन, महानगर मीडिया प्रभारी सैय्यद मोहम्मद अस्करी ने योगी सरकार की कड़ी निन्दा करते हुए इसे लोकतंत्र का गला घोंटने वाला क़दम बताया। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के आहृवान पर राष्ट्रीय बेरोज़गारी दिवस मना रहे छात्रों और सपा कार्यकर्ताओं को लोकसेवा आयोग, इलाहाबाद विश्वविद्धालय सिविल लाईन सुभाष चौराहे सहित अन्य जगहों पर पुलिस प्रशासन ने लाठी चला कर गिरफ्तार कर लिया। लोक सेवा आयोग पर युवजन सभा के ज़िलाध्यक्ष सन्दीप यादव, मयंक यादव जॉन्टी, अखिलेश गुप्ता, ज़िला पंचायत सदस्य रणधीर सिंह, नेहा यादव, युवराज समाजवादी, राघवेन्द्र यादव, मिथुन गुप्ता, राजू यादव आदि लोक सेवा आयोग में भर्ती परिक्षा में परिवर्तन, बेरोज़गारी, संविदा नियुक्ति निजीकरण, विलम्ब से चयन प्रक्रिया व महंगी शिक्षा आदि मांगो को लेकर शान्तिपूर्वक विरोध करने पहोँचे जहाँ पहले से मौजूद पुलिस प्रशासन ने आयोग अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपने के उपरान्त लाठीयाँ बरसानी शुरु कर दीं। युवा नारे लगा रहे थे युवाओं की हुंकार-लेकर रहेंगे रोज़गार, भारत का युवा बोल रहा है मोदी योगी का सिंहासन डोल रहा है।वहीं इलाहाबाद विश्वविद्धालय की पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष रिचा सिंह के नेत्रित्व में मुण्डेरा मे धर्मवीर प्रतिमा स्थल तक विरोध मार्च निकाला गया। वहीं नैनी में डॉक्टर अच्छे लाल यादव, मो०शारिक़, शिव यादव, मोहम्मद अज़हर आदि ने राष्ट्रीय बेरोज़गारी दिवस पर केन्द्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करते हुए रोज़गार देने की मांग की।
कहाँ तो तय था चराग़ाँ हर एक घर के लिए
कहाँ चराग़ मयस्सर नहीं शहर के लिए
दुनिया के सबसे बड़े जनतंत्र में आर्थिक व्यवस्था का पहला आधार है हर हाथ को काम
हर हाथ को काम प्रत्येक व्यक्ति का वैधानिक अधिकार है।
वर्तमान बीजेपी सरकार रोजगार देने की बात तो दूर दिन प्रतिदिन रोजगार छीनने का काम कर रही है ।
युवाओं से योजना बद्ध छल कर रही है उनके भविष्य से खिलवाड़ कर रही हैं।
पहले तो वेकेंसी नहीं, वैकेंसी निकले तो इम्तहान नहीं, इम्तहान हो तो वह भर्ष्टाचार की भेंट चढ़ जा रहे हैं।
बेरोजगारी के चरम दौर में रोजगार सर्जन के स्थान पर सरकारी नौकरियों 5 साल की संविदा का प्रावधान लाकर सरकार कर्मचारियों को बंधुआ मजदूर बनाना चाह रही है, नौकरियों में ठेका पद्यति लागू करना चाहती है पूंजीपतियों की यह सरकार।
50 साल में जबरन रिटायरमेंट कर देने की योजना कर्मचारियों के अधिकारों के साथ न सिर्फ़ खिलवाड़ है बल्कि उनके परिवारों को भी खतरे में डालना है।
यह सरकार छात्र विरोधी , युवा विरोधी ही नहीं जनविरोधी भी है
इसी के प्रतिरोध में आज जगह-जगह युवाओं के द्वारा “राष्ट्रीय बेरोजगारी” दिवस मनाया जा रहा है साथ ही क्रांति की स्वरूप ” मशाल जुलूस” शाम 6 बजे गति चौराहा से धर्मवीर चौराहा तक (शहर पश्चिमी विधानसभा) समाजवादी नौजवान मार्च किया
‘बहुत हुई मन की
अब चाहिये रोज़गार”
17 सितंबरराष्ट्रीयबेरोजगार_दिवस
“कहाँ तो तय था चराग़ाँ हर एक घर के लिए
कहाँ चराग़ मयस्सर नहीं शहर के लिए”
दुनिया के सबसे बड़े जनतंत्र में आर्थिक व्यवस्था का पहला आधार है हर हाथ को काम
हर हाथ को काम प्रत्येक व्यक्ति का वैधानिक अधिकार है।
ऋचा सिंह, वीर यादव, यथांश केसरवानी, इंदू यादव, मंजू पाठक, गुड्डी यादव, प्रमिला यादव , सुधा, पिंटू यादव, पंकज, प्रमोद यादव बच्चा, मो उमैस, संजय यादव, सत्यवेन्द्र आज़ाद, सुरेंद्र यादव, पिंटू यादव, आनंद, कुंदन पाल, अनूप मुशीर अहमद, अभिमन्यु पटेल, विक्रम सिंह,, मो. इमरान, मो. नदीम, नौशाद सिद्दीकी, शैलेश त्रिलोकी, गोरे यादव, सचिन दास, आदि लोग उपस्थित रहे।
पत्रकार इरफान खान की रिपोर्ट…