बाल कारागार को अस्थायी कारागार के रुप में किया जा रहा-डीएम…
इटावा/उत्तर प्रदेश-: जिला मजिस्ट्रेट जेबी सिंह ने बताया कि कोविड-19 जैसी वैष्विक महाकारी के बचाव के दृष्टिगत बन्दी अधिनियम -1894 की धारा-7 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तात्कालिक आवष्यकता हेतु जिला कारागार में स्थित बाल कारागार को अस्थायी कारागार (पुरूष) घोषित करने हेतु उपरोक्त बाल कारागार को उ. प्र. एक्मोडेशन एण्ड रिक्विजिशन एक्ट की धारा-3(1) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उक्त अधिनियम की धारा-3 (1) (ख) के अर्न्तगत अग्रिम आदेशों तक के लिए अधिग्रहीत किया जाता है। बाल कारागार को अस्थायी कारागार (पुरूष) के रूप में परिभाषित किया जा रहा है, में लोक प्रवेश निषिद्ध किया जाता है।
उन्होने बताया कि उक्त अस्थायी कारागार (पुरूष) की व्यवस्थाओं हेतु उप जिला मजिस्ट्रेट सदर, सिद्धार्थ को जेल अधीक्षक, कार्यकारी मजिस्ट्रेट एवं तहसीलदार सदर को कारापाल के दायित्वों के निर्वहन हेतु नामित किया गया है। जेल अधीक्षक को निर्देशित किया जाता है कि वह अपने कार्यालय के उत्तरदायी कार्मिक को भेजकर अस्थायी कारागार (पुरूष) के उक्त अधिकारियो से मिलकर अस्थायी जेल के संचालन की व्यवस्था सुनिष्चित करें तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अस्थायी कारागार पर पुलिस एक्कार्ट, गार्ड की आवष्यकतानुसार व्यवस्था सुनिष्चित किये जाने हेतु संबंधित पुलिस अधिकारी को अपने स्तर से निर्देशित करें। इसके साथ ही अतिरिक्त बाल कारागार में रह रहे पीएसी जवानों को अस्थायी रूप सें रहने हेतु चिन्हित राजकीय इण्टर कालेज के परिसर को अग्रिम आदेशों तक के लिए अधिग्रहीत किया जाता है।
पत्रकार नितेश प्रताप सिंह की रिपोर्ट…