*5 जुलाई को है गुरु पूर्णिमा का पर्व, जानें महत्व*
*जुलाई रविवार 5-7-2020*
✍🏻गुरु पूर्णिमा का पर्व गुरु को समर्पित है,मान्यता है कि बिना गुरु के ज्ञान के प्राप्ति नहीं होती है,सच्चे गुरु की जब प्राप्ति हो जाती है तो जीवन से सभी प्रकार के अंधकार मिट जाते हैं,आइए जानते हैं गुरु पूर्णिमा के पर्व के बारे में……..
🙏🏻गुरु पूर्णिमा का पर्व पूरे देश में बड़ी ही श्रद्धा और भक्तिभाव से मनाया जाता है, इस दिन गुरु की पूजा की जाती है और उन्हें सम्मान प्रदान किया जाता है.!
हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाने की परंपरा है, इस दिन घर बड़े, बुजूर्ग और जिनसे भी आपने जीवन में कुछ न कुछ सीखा है उनके प्रति सम्मान अर्पित करने का दिन है.!
*महाभारत के रचयिता व्यास जी का जन्म दिवस*
✍🏻गुरु पूर्णिमा के दिन ही महाभारत के रचयिता महर्षि वेद व्यास जी का जन्म दिवस भी मनाया जाता है, व्यास जी को ही सभी 18 पुराणों का रचयिता माना गया है, इतना ही नहीं व्यास जी को ही वेदों का विभाजन करने का श्रेय प्राप्त है, कहीं कहीं गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है……!
*वर्षा ऋतु पढ़ने के लिए श्रेष्ठ*
विद्वानों के अनुसार अध्यापन कार्य के लिए वर्षा ऋतु को सबसे उपयुक्त माना गया है, इसी कारण गुरु पूर्णिमा को वर्षा ऋतु में मनाया जाता है,माना जाता है वर्षा ऋतु के दौरान अधिक गर्मी और न अधिक सर्दी होती है इसलिए पढ़ने के लिए यह समय सबसे अच्छा माना गया है,पुरातन काल में गुरुकुल में इस ऋतु में विद्यार्थियों के शिक्षण कार्य पर विशेष बल दिया जाता था,इस ऋतु में गुरु के चरणों में बैठकर ज्ञान प्राप्त करने पर बल दिया जाता है, यह समय ज्ञान,शांति,भक्ति और योग शक्ति को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण माना गया है.!
*छाया चंद्र ग्रहण भी इस दिन लग रहा है*
गुरु पूर्णिमा के दिन यानि 5 जुलाई को छाया चंद्र ग्रहण भी लग रहा है, इस दिन शुभ मुहूर्त में ही पूजा आदि का कार्य पूर्ण करें.!