सुधीर के बोल भारत व चीन का तनाव भविष्य के व्यापार को लेकर है…

सुधीर के बोल भारत व चीन का तनाव भविष्य के व्यापार को लेकर है…

चीन की विस्तारवादी नीति अब विश्व में प्रथम व्यापारी बनने की है अर्थात विश्व के व्यापारिक नियम व सिद्धान्त चीन तय करने की क्षमता प्राप्त करना चाहता है। जिसमें भारत अवरोध बन उभरा है। चीन की दुनिया भर में अपने निवेश को विस्तार देने की महत्वाकांक्षी परियोजना वन बेल्ट एंड रोड यानी बीआरआई को किसी भी कीमत पर सफल बनाना आवश्यक है।। भारत के अन्य पड़ोसी देश चीन के जाल में फंस चुके है, भारत के लिये भी कूटनीतिक प्रयास सफल न होते देख चीन ने पहले गलवान व अब लद्दाख में सेनाओं को तैनात कर दिया है। चीन के सत्ताधारी आर्थिक विकास दर को तेज़ रखकर ही कम्युनिस्ट पार्टी को सत्ता में बनाये रख सकते है। इसके लिये अन्य देशों में निवेश कर दूरगामी परियोजना को स्थापित करना बेहद आवश्यक है, इससे वह अपनी विकास दर को भी संतुलित करना चाहते हैं। हालांकि यह सच्चाई है कि भारत चीन के कारण अपने पड़ोसियों से दूर हो गया है परन्तु भारत अभिमन्यु की भांति इस चक्रव्यू को भेद ने का माद्दा रखता है।
आज भारत के साथ विश्व के मजबूत देश खड़े हैं , यह बात चीन भी जानता है। परन्तु अघोषित युद्ध में उलझा कर चीन, पीओके में भारत कब्जा न करें यह दबाब बनाना चाहता है। वन बेल्ट एंड रोड के कुछ हिस्से पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में भी हैं और भारत इसे अपनी संप्रभुता पर चोट मानता है। चीन भारत के एयरफ़ील्ड दौलतबेग ओल्डी को लेकर भी असहज है, चीन को लगता है कि इनसे भविष्य में चीन के तिब्बत और पाकिस्तान को जाने वाले हाइवे पर ख़तरा हो सकता है।
चीन वर्तमान में भारत को बंदर घुड़की तो दे सकता है पर युध्द की हिम्मत उसको भारी पड़ेगी क्योंकि कॅरोना का पाप चीन के सिर पर है और विश्व का जनमत उसके विरूद्ध है और वही भारत की छवि एक जिम्मेदार व विश्वनीय देश की है। चीन की कूटनीति को विपक्ष सहित देश की आम जनता को समझकर अपनी सरकार से प्रश्न करने चाहिये क्योकि कूटनीति में सब कुछ पॉलिसी पब्लिक नही कर सकते। आज जिस प्रकार देशवासियों की भावना है कि चीनी व्यापार समाप्त होना चाहिये इसके लिए सरकार और उधोगपतियों को कम से कम 5 साल आधारभूत ढाँचा बनाने में लग जाएंगे, जैसे मारुति सुजुकी के अलावा देश की मशीनरी उधोग चीन आयातित पार्ट्स पर निर्भर है अगर आज हम निर्भर होना चाहे तो 5 से 6 साल उधोगों को बंद करना होगा जिससे हर वर्ग प्रभावित होगा जो देश की अर्थ व्यवस्था के लिये भी घातक होगा और जनता के लिए भी। चीन से आत्मनिर्भरता आवश्यक है उसके लिए दूरगामी पॉलिसी की आवश्यकता है।

पत्रकार अमित गोस्वामी की रिपोर्ट…