राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्र नाथ त्रिवेदी ने इन डबल इंजन की सरकारों से आम जनता का दर्द समझने का आग्रह करते हुए कहा…
लखनऊ 22 जून। ।राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्र नाथ त्रिवेदी ने इन डबल इंजन की सरकारों से आम जनता का दर्द समझने का आग्रह करते हुए कहा है कि देश में फैली हुई महामारी की त्रासदी के कारण करोड़ों परिवार भुखमरी का दंश झेल रहे हैं परन्तु सरकारें और उनके प्रतिनिधि आज भी पूँजीपतियों और कारपोरेट घरानों की ही सेवा में व्यस्त हैं जिसका ज्वलन्त प्रमाण विगत 16 दिनों से लगातार बढ़ रही पेट्रोल और डीजल की कीमतें हैं।देश के लगभग 70 प्रतिशत परिवारों को दो जून की रोटी जुटाने में विभिन्न समस्याओं से जूझना पड़ रहा है और अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में सस्ते कच्चे तेल के फलस्वरूप पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 8 से 9 रुपये प्रति लीटर उछाल आया है जिसका सीधा बोझ आम जनता पर और सीधा लाभ पेट्रोल कम्पनियों के स्वामी पूँजीपतियों को है। श्री त्रिवेदी ने कहा कि इस बढो़त्तरी का भार वाहन खर्च के साथ साथ मँहगाई के रुप में भी झेलना पड़ता है क्योंकि माल भाडा़ लगातार बढ़ रहा है।किसानों को सिंचाई की लागत अधिक देनी पड़ती है जबकि किसी भी फसल का लागत मूल्य भी पाना किसानों के लिए सम्भव नहीं हो सका है।उन्होंने कहा कि देश के किसानों को अपनी फसलों का मूल्य तय करने का अधिकार नहीं है तो इन पेट्रोल कम्पनियों को स्वयं मूल्य निर्धारण की छूट क्यों है।आखिर कारपोरेट घरानों की प्रत्येक मनमानी के लिए सरकारों की क्या मजबूरी है।इन्हीं घरानों के हजारों करोड़ के ऋण माफ करने में भी सरकारें बेबस रहती हैं। रालोद प्रदेश प्रवक्ता ने केन्द्र और प्रदेश सरकारों से माँग करते हुए कहा कि पेट्रोल और डीजल के मूल्यों की बढो़त्तरी की सीमा तथ्यों के खुलासे के साथ निश्चित होनी चाहिए ताकि उसके आगे कम्पनियाँ न जा सके और आम जनता उस सीमा तक मानसिक और आर्थिक रूप से स्वयं को तैयार कर सके।सरकारों को सोचना चाहिए कि आम लोगों की आमदनी रोज नहीं बढ़ती जबकि सरकारी कार्यशैली के फलस्वरूप खर्च बढ़ जाता है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…