अज़ान देने जा रहे मुअज्जन की पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से की पिटाई…
मुअज़्ज़न को विशेष धर्म और जाति का बताकर पुलिस ने कहे अपशब्द…
मुज़फ्फरनगर/उत्तर प्रदेश जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास का नारा देकर जनता के प्रति विश्वास पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं,वहीं कुछ पुलिसकर्मी साम्प्रदायिकता एवं जातिवाद को बढ़ावा देकर सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे है जिससे मुस्लिम समुदाय में काफी रोष नज़र आ रहा है।
मस्जिद जा रहे मुअज़्ज़न को विशेष धर्म और जाति का बताकर पुलिस ने कहे अपशब्द
दरअसल उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का मामला है जहाँ के एसएसपी अभिषेक यादव पुलिसकर्मियों को अच्छाई का पाठ पढ़ा रहे हैं जिसके चलते पुलिस के प्रति आम जनता का विश्वास बढ़ रहा है, मगर वहीं दूसरी ओर कुछ पुलिसकर्मियों के लिए एसएसपी का आदेश कोई खास मायने नहीं रखता, जिसके चलते हाल ही में दो पुलिसकर्मियों की गुंडागर्दी भी देखने को मिली।
पूरा मामला खालापार किदवई नगर में एक मस्जिद के मुअज्जन का है, जब मुअज्जन साहब घर से निकलकर मस्जिद में अजान देने के लिए जा रहे थे तभी अचानक गश्त कर रहे पुलिसकर्मियों ने मुअज्जन को रोक कर पूछा कि कहां जा रहे हो, मुज्जन ने बताया कि साहब मैं मस्जिद में अजान देने के लिए जा रहा हूं तभी पुलिसकर्मियों ने अभद्रता व दुरव्यवहार किया और मुअज्जन साहब की बुरी तरह से पिटाई कर दी, घटना की सूचना जैसे ही मोहल्ले में पहुंची तो यह खबर मुस्लिम समाज के लोगों में और पूरे क्षेत्र में आग की तरह फैल गई। जिसके चलते मुस्लिम समुदाय के लोगों में पुलिस के नुमाइंदों कि इस हरकत से काफी रोष बना हुआ है। वहीं इस मामले को टूल पकड़ने पर कुछ सफेदपोश नेता समझौता की बात कह कर पीड़ित मुअज्जन पर फैसले का दबाव बना रहे हैं,मगर मस्जिद के पीड़ित मुअज्जन ने अब आलाधिकारियों से दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की गुहार लगाई है।
क्या दागियों पर होगी कार्यवाही, सरकार के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” की कैसे बचेगी साख
जिले के लोकप्रिय सुपर कॉप एसएसपी अभिषेक यादव दिन रात इस कोशिश में लगे हुए हैं कि आम जनता का विश्वास पुलिस के प्रति बढ़े, लेकिन इस तरह की घटना से समाज में कुछ और ही मैसेज जाता है। क्या इस तरह जनता में सरकार के प्रति विश्वास पैदा हो पाएगा, जब पुलिसकर्मियों से ही आम जनता सुरक्षित नहीं और पुलिसकर्मी ही सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हैं, एक जिम्मेदार व्यक्ति जो मस्जिद का मुअज्जन है और उसको दुनियादारी से कोई मतलब नहीं तो पुलिसकर्मी सिर्फ जाती और धर्म के आधार पर उसकी बेरहमी से पिटाई कर देते हैं क्या यह निंदनीय नहीं है, क्या ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए.?
अब देखना यह है कि सूबे के मुख्यमंत्री और जिले के कप्तान इस पर क्या कार्रवाई करते हैं जिससे कि मुस्लिम समुदाय और समाज के सभी वर्गों में सरकार और पुलिस के प्रति विश्वास पैदा हो सके।
फोन नम्बर पीड़ित -शहजाद पुत्र सईद_7078461388
पत्रकार कबीर रिज़वान अली की रिपोर्ट…