उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शासन की कार्य पद्धति स्वयं की नहीं, बल्कि जनता की संतुष्टि का कारण बननी चाहिए…
लखनऊ 19 जून। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शासन की कार्य पद्धति स्वयं की नहीं, बल्कि जनता की संतुष्टि का कारण बननी चाहिए। वर्तमान सरकार किसानांे के हितों को ध्यान में रखकर काम कर रही है। हर किसान को उसकी मेहनत का प्रतिफल प्राप्त होना चाहिए। राज्य सरकार गन्ना किसानों का पाई-पाई का भुगतान करने के लिए संकल्पित है। जब तक गन्ना किसानों के खेतों में एक भी गन्ना रहेगा, तब तक चीनी मिलों का संचालन भी होता रहेगा। इस संकल्प को सरकार ने मूर्तरूप दिया है।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर वर्तमान सरकार के कार्यकाल में गन्ना किसानों को एक लाख करोड़ रुपये के रिकाॅर्ड गन्ना मूल्य के आॅनलाइन भुगतान कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री जी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि गन्ना किसानों के खाते में डी0बी0टी0 के माध्यम से पारदर्शिता के साथ 01 लाख करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि प्रेषित की गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने किसानों का तेजी से गन्ना मूल्य का भुगतान किया, जो एक रिकाॅर्ड है। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देकर उनकी फसल की लागत के डेढ़ गुना से अधिक दाम देने का जो संकल्प प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है, उसे प्रदेश सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कोरोना प्रारम्भ हुआ था तो पूरा विश्व लाॅकडाउन की स्थिति में था। लेकिन वर्तमान सरकार ने तय किया कि चीनी मिलों को बन्द नहीं किया जाएगा, बल्कि संक्रमण से बचते हुए चीनी मिलों का संचालन किया गया। कोरोना संकट के दौरान भी प्रदेश की सभी 119 चीनी मिलों का संचालन किया गया। कोविड-19 के कारण सैनिटाइजर की अधिक मांग बढ़ जाने पर चीनी मिलों तथा डिस्टलरीज ने देश के सभी राज्यों के साथ-साथ अन्य देशों में भी सैनिटाइजर की आपूर्ति की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के किसानों ने अपने परिश्रम से गन्ना व चीनी उत्पादन में राज्य को देश में प्रथम स्थान पर पहंुचाया है। पूर्ववर्ती सरकारों में चीनी मिलों को जहां बन्द करने का काम किया, वहीं वर्तमान सरकार ने बन्द चीनी मिलों को पुनर्संचालित करने का काम किया है। पिपराइच तथा मुण्डेरवा में 5000 टी0सी0डी0 क्षमता की नई चीनी मिल स्थापित की गयी है, जहां 50 हजार कुन्तल गन्ने की पेराई प्रतिदिन हो सकती है। आधुनिक तकनीक से बनी चीनी मिलों ने किसानों के जीवन में एक नया विश्वास भरा है। इसी प्रकार प्रदेश सरकार ने राज्य में खांडसारी उद्योग कोे पुनर्जीवित करने का काम किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का मानना है कि जब किसान खुशहाल होगा तो देश खुशहाल होगा। किसानों की आय में वृद्धि के लिए आवश्यक है कि उन्हें सहखेती से जोड़ा जाए। विगत तीन वर्षांे में उत्तर प्रदेश के चीनी उद्योग के इतिहास का यह एक स्वर्णिम अवसर है, जब इतनी बड़ी धनराशि गन्ना किसानों को प्रदान की गयी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनपद मुजफ्फरनगर, मेरठ, सम्भल, पीलीभीत, लखीमपुरखीरी, अम्बेडकरनगर, गोण्डा, गोरखपुर तथा कुशीनगर के गन्ना किसानों से संवाद किया। संवाद के दौरान गन्ना किसानों ने कहा कि ई-गन्ना एप से किसानों को काफी मदद मिली है। इसके माध्यम से उन्हें गन्ना और चीनी मिलों के सम्बन्ध में उपयोगी जानकारी प्राप्त होती है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश के गन्ना विभाग ने उल्लेखनीय कार्य किया है। सरकार के प्रयासों से प्रति हेक्टेयर गन्ना उत्पादन में वृद्धि दर्ज की गयी है। उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य का रिकाॅर्ड भुगतान किया गया है।
इस अवसर पर गन्ना विकास राज्यमंत्री सुरेश पासी, मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव आबकारी एवं चीनी उद्योग संजय भूसरेड्डी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद तथा सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…