कोरोना योद्धा के रूप में देश- विदेश में चर्चित सरदार पतविंदर सिंह…
प्रयागराज प्रयागराज के प्रसिद्ध कर्मठ समाजसेवी सरदार पतविंदर सिंह बाल अवस्था से ही सामाजिक जागरूकता की ज्योति लेकर प्रदेश,देश के विभिन्न प्रांतों जिलों में बराबर भ्रमण करते हुए आज वृद्धावस्था की ओर अग्रसर हो गए हैं किंतु इन्होंने सामाजिक चेतना की ज्योति को बुझने नहीं दिया विवाह नहीं किया,वही अपनी पुरानी साइकिल पर सवार होकर, कभी नंगे पांव पद-यात्रा कर,कभी अर्धनग्न शरीर पर सूक्ति वाक्य लिखकर विभिन्न प्रकार से अपने शरीर को चिलचिलाती धूप, वर्षा ऋतु में,ठंड में, लोगों मैं जन जागरूकता अभियान कर रहे हैं सरदार पतविंदर सिंह समाज के दिग्भ्रमित तत्वों को हिंसा का मार्ग त्यागने,संप्रदायिक द्वेष एवं क्षेत्रीय वैरभाव को हतोत्साहित करने,भाईचारे की भावना विकसित करने,विभिन्न समुदाय के बीच राष्ट्रीय एकता तथा सद्भावना का प्रचार- प्रसार,देश में रहने वाले लोगों के बीच राष्ट्रीय एकीकरण,सांप्रदायिक सद्भाव की नई स्फूर्ति,नव-चेतना का संचार करते हुए सराहनीय कार्य करते हैंl सरदार पतविंदर सिंह इनकी राष्ट्रीय एकता के प्रति भावना एवं कर्मठता युवाओं व समाज के लिए अनुकरणीय हैं यह समाजसेवी पतविंदर सिंह कुशल, कर्मठ ,उत्साहित एवं समर्पित देश भक्त हैंl बताते चलें कि समाजसेवी सरदार पतविंदर सिंह को कई संस्थानों एवं विद्वानों.शिक्षाविदों आदि ने हाल ही में इन्हें कोरोना योद्धा प्रतीक चिन्ह दिए हैं विभिन्न समाज के लोगों ने सम्मान मिलने पर इन्हें बधाइयां दी।
संकट के समय में कोरोना योद्धा के रूप में समाजसेवी सरदार पतविंदर सिंह उभरेl जिसके लिए प्रदेश और देश भर में लोग उनकी प्रशंसा कर रहे हैं जिस समय पूरा देश वैश्विक महामारी कोरोनावायरस कोविंड-19 से जूझ रहा था उस वक्त करछना तहसील के अरैल गुरु नानक नगर निवासी सरदार पतविंदर सिंह अपनी जान की परवाह किए बगैर लगातार अपने सहयोगियों के साथ घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रहे थे तथा सैनिटाइजिंग करा कर अपने आसपास मोहल्लों को सुरक्षित कर रहे थे जिसका परिणाम यह है कि जहां अन्य जिलों में कोरोना संक्रमितओं की संख्या लगातार बढ़ रही है वहीं अभी प्रयागराज में कम है उन्होंने संकट के समय अपने जिले को सुरक्षित रखने का दायित्व अपने कंधों पर उठाया तथा उसे सुरक्षित रखा उन्होंने बाहर से आए प्रवासी मजदूरों को कोरटीन सेंटर में रहने की सलाह दी उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में थोड़ा और मेहनत करने की जरूरत है क्योंकि सरकार द्वारा चलाए गए राहत पैकेज का लाभ गरीब. दिहाड़ी मजदूरों.किसानो. छोटे दुकानदारों को मिलना चाहिए जिस से उनके सामने भुखमरी की जो समस्या है समाप्त हो सकेlसमस्त लोगों से अपील है कि जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकले तथा 2 गज दूरी का पालन करें मुंह को मार्क्स या रुमाल से ढक कर ही बाहर निकले l
नैनी क्षेत्र के रहने वाले निर्धन सिख परिवार से ताल्लुक रखने वाले सरदार पतविंदर सिंह पुत्र स्वर्गीय भूपेंद्र सिंह गुरु नानक नगर गुरुद्वारा रोड नैनी प्रयागराज के शिक्षित व बेरोजगार अधेड़ आयु के सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो कोरोना महामारी वायरस के कठिन समय में भी अपनी परवाह ना करके समाज सेवा में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं क्योंकि उन्होंने अपनी शादी के लिए रखी “नई पगड़ी”को समाज की रक्षा के लिए मास्क बनाकर लोगों को वितरित कर जान बचा रहे हैं एवं कोरोना में लॉक डाउन का पालन कर रहे बेटियों व बच्चों को उनके निवास पर जाकर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए उन्हें पुरस्कृत कर रहे हैंl
डॉक्टरों,शासन-प्रशासन,स्वच्छता कर्मियों, बैंक वालों और व्यापारियों आदि की तारीफ के चौतरफा पुल बांधे जा रहे हैं यह लोग काम भी ऐसा ही कर रहे हैं लेकिन एक और वर्ग भी इतनी ही प्रशंसा का पात्र है “और वह है बच्चों का” सरदार जी घर-घर जाकर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए चारदीवारी के बाहर से बच्चों को फूल.पुष्प गुच्छ दे रहे हैं l
उन्होंने कहा कि बच्चों ने जो धैर्य,संयम, साहस .संकल्प और प्रतिबद्धता दिखाई व बड़ों के लिएअनुकरणीय हैं जिस धैर्य से घरों में बैठे हैं वह बड़ों के लिए सीख है लॉकडाउन की घोषणा होते ही सबसे कमाल की भावना दिखाइए और खुद को घर में कैद कर लिया बच्चों ने.पाव घर से बाहर नहीं निकालाl कोरोना ने अनुशासन सिखा दिया. बच्चों के दृष्टिकोण से देखें तो कम आयु में उन्हें खासने,थूकने,हाथ धोना और अभिवादन की अनमोल शिक्षा अनायास ही मिल गई निश्चित समझिए कोरोना काल आज के बच्चों को बेहतर नागरिक बनाने वाला है।
कोरोना वायरस की जंग में नौनिहाल भी महती भूमिका निभा रहे है लॉकडाउन में रहकर पढ़ाई पर पूरा ध्यान दे रहे हैं क्योंकि बच्चों को भी मालूम है कि कोरोना वायरस को परास्त करने के लिए सबसे जरूरी है लॉक डाउन का सौ पर्सेंट ईमानदारी से अनुपालन किया जाए। नागरिकों के असाधारण अनुशासन के अलावा बच्चों, चिकित्साकर्मियों, पुलिसकर्मियों,स्वच्छताकर्मियों के जीवन अनमोल.राष्ट्रभक्ति और प्रेरक सेवाकार्य की अकल्पनीय कहानियां सामने आईl लोग जिस स्तर का धैर्य और अनुशासन दिखा रहे हैं वही कोरोना को हराने का मूल मंत्र हैl देशवासियों ने अप्रत्याशित लॉक डाउन में सकारात्मक सोच और जीवनशैली के साथ गुजार दिए चारों तरफ हर व्यक्ति शासन-प्रशासन के साथ सहयोग कर रहा समाजसेवी सरदार पतविंदर सिंह कपड़ों से बना रहे हैं मास्क सिख पगड़ी के कपड़ों से मास्क बनाकर वितरण कर रहा है यह कपड़ा घर में पड़ी लग्न शादी के उत्सव पर पगड़ी के तौर पर उपयोग होना था लेकिन लॉक डाउन के दौरान इसका उपयोग मास्क बनाने के तौर पर किया जा रहा है मास्क की समस्या से जूझ रहे निर्धन तबके के लोगों की समस्या के निवारण हेतु सरदार पतविंदर सिंह शादी की लग्न उत्सव मनाने के लिए मंगाई गई नई पगड़ी का इस्तेमाल मास्क बनाने मे कर रहे।सरदार पतविंदर सिंह निर्धन परिवार से हैं दिन-रात एक कर के अपने हाथों से मास्क तैयार करने में लगे हुआ है जिन्हें मुफ्त में बांटा जा रहा है श्री सिंह के छोटे से परिवार में पूजनीय माता दलजीत कौर बेटे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मास्क तैयार करने में हाथ बटा रही है
समाजसेवी सरदार पतविंदर सिंह ने बताया कि हर साल घर,परिवार,रिश्तेदार, इष्ट मित्रों में शादी लग्न उत्सव मैं एक- दूसरे को नई पगड़ी देने की रस्म होती है लॉक डाउन के कारण सभी तीज त्यौहार उत्सव निरस्त हो गए हैं,और मानव को जीवित रहने के लिए पहले मास्क चाहिए। तो दिमाग में ख्याल आया कि क्यों ना उक्त कपड़े को मास्क का रूप देकर जरूरतमंदों के बीच वितरित किया जाए जिससे उनका जीवन बचाया जा सके सैकड़ों लोगों को मास्क वितरित किया जा चुका है,और रोजाना मास्क बनाए जा रहे हैं।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर…