*बैंक से नीलामी में खरीदे गए भूखंड पर कब्जे का प्रयास, हाईकोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को दिए जांच के आदेश*
*हाईकोर्ट द्वारा कमिश्नर को दिए गए आदेश की कापी* 👆
*याचिका में “हिंद वतन” में छपी खबर की छायाप्रति भी लगाई गई थी*
*हिंद वतन” में 15 मई को प्रकाशित पर खबर* 👆
*”हिंद वतन समाचार” पर चली खबर के बाद 6 जून को हटाए गए थे चौकी इंचार्ज*
*हिंद वतन समाचार” पर चली खबर* 👆
*चौकी इंचार्ज को हटाए जाने के आदेश की कापी* 👆
*लखनऊ।* पारा थाने की मोहान रोड पुलिस चौकी के निकट मेन रोड पर स्थित भूखंड के मामले में हाईकोर्ट ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर को मामले को देखें जाने का आदेश देते हुए कहा है कि कानून के हिसाब से मामले का निपटारा किया जाए। हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर दायर की गई याचिका में *”हिंद वतन”* में 15 मई को छपी खबर की छायाप्रति भी लगाई गई थी। इससे पहले इसी प्रकरण में *”हिंद वतन समाचार”* पर चली खबर के बाद मोहान रोड चौकी इंचार्ज को 6 जून की रात हटा दिया गया था।
बताते चलें कि कैंपवल रोड-एकता नगर निवासी डाॅ अजय गुप्ता ने 24-1-2008 को केनरा बैंक की अमीनाबाद शाखा में गिरवी रखे गए इस भूखंड को विधिवत रूप से नीलामी में क्रय किया था, जिसकी सूचना बैंक की ओर से जिलाधिकारी लखनऊ को भी 30-6-2008 को पत्र के माध्यम से दे दी गई थी। बैंक में भूखंड गिरवी रखने वाली किरन चौरसिया व रमा चौरसिया ने इसकी नीलामी हो जाने के बाद फर्जी कागजात तैयार कर इसकी रजिस्ट्री कर दी तथा राजस्व/तहसील के अधिकारियों को गलत जानकारी देकर गुमराह कर फर्जी आदेश पारित करवा लिया। मोहान रोड चौकी की पुलिस भी विपक्षीगणों का लगातार पक्ष ले रही थी तथा कोरोना आपदा में लाॅकडाउन के बावजूद एक दिन भू-माफियाओं ने पुलिस की मिलीभगत से रातों-रात भूखंड की बाउंड्री तोड़कर दर्जनों ट्रक मिट्टी प्लाॅट पर डलवा दी।
एक अखबार के संपादक व गौशाला प्रबंधक डाॅ अजय गुप्ता ने इस मामले की मुख्यमंत्री के पोर्टल पर व अधिकारियों से शिकायत की। *”हिंद वतन समाचार”* ने इस मामले की खबर प्रमुखता से चलाई थी तथा दैनिक *”हिंद वतन”* ने “पुलिस अगर किसी को फायदा पहुंचाने पर आ जाए तो लाॅकडाउन क्या चीज है ?” शीर्षक से 15 मई को खबर प्रकाशित की थी। मामले की जांच के बाद एसीपी की रिपोर्ट पर पुलिस उपायुक्त (दक्षिणी) ने 6 जून की रात चौकी इंचार्ज राजेश सिंह को चौकी से हटा दिया। इस बीच डाॅ अजय गुप्ता ने अपने अधिवक्ता विवेक कुमार वर्मा के माध्यम से इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच में न्याय के लिए याचिका दायर की जिस पर मंगलवार को हुई सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति अनिल कुमार एवं श्रीमती संगीता चन्द्रा ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया कि वे इस मामले में कानून के अनुसार उचित कदम उठाए। हाईकोर्ट ने जिस याचिका पर ये आदेश जारी किया, उसमें *हिंद वतन”* में 15 मई को छपी खबर की छायाप्रति भी दस्तावेजों के साथ लगाई गई थी।
*हर कदम पर धोखाधड़ी, फर्जी आदेश हो गया पारित*
मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई शिकायत में ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के प्रदेश सचिव डाॅ अजय गुप्ता ने कहा है कि तहसील सदर में उक्त भूखंड के संबंध में दायर वाद संख्या 584422682014-15 में तत्कालीन नायाब तहसीलदार काकोरी, कानूनगो व लेखपाल ने जिला कलेक्टर के आदेश को दर किनार करके 15-7-2015 को उन लोगों का नाम राजस्व अभिलेखों में अंकित कर दिया जो उस भू-भाग के स्वामी थे ही नहीं। यही नहीं इस प्रकरण में घोर लापरवाही व भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा तब हो गई जब उक्त भू-भाग की खरीद वर्ष 1987 के 28 वर्षों के उपरांत वर्ष 2015 में बिना मूल दस्तावेज देखे ही अवैध रूप से आदेश पारित कर दिया गया। डाॅ अजय गुप्ता का ये भी आरोप है कि विपक्षी किरन चौरसिया व रमा चौरसिया ने वाद की फाइल से नीलामी की सूचना वाले बैंक के पत्र को हटवा दिया तथा उसमें फर्जी हलफनामा भी लगा दिया, उनकी मांग है कि इन लोगों के विरुद्ध सरकारी कर्मचारियों को धोखा देने का मुकदमा भी दर्ज किया जाए।
*विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,*