उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग के अध्यक्ष, श्री श्याम नन्दन सिंह ने कहा है कि प्रदेश की पंजीकृत, गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य प्रारम्भ कर दिया…
लखनऊ 1 जून। उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग के अध्यक्ष, श्री श्याम नन्दन सिंह ने कहा है कि प्रदेश की पंजीकृत, गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य प्रारम्भ कर दिया है, जिससे गोशालाओं के गोवंशों के भरण-पोषण के लिये सरकार पर उनकी निर्भरता धीरे-धीरे कम हो। उन्होंने कहा है कि प्रारम्भ में प्रदेश की कुछ बड़ी गोशालायें, जिनमें गोवंश की अच्छी संख्या है उनमें पंचगव्य उत्पाद (दूध, दही, घी, गोबर, गोमूत्र) का भरपूर उपयोग करते हुये उनसे जैविक खाद, गोबर के गमले, लट्ठे, गोनाइल (फिनाइल) इत्यादि बनाकर उनकी बिक्री की सम्भावनायें तलाशी जायेंगी।
दीपावली के अवसर पर गोबर के दीये व लक्ष्मी जी/गणेश जी की सुन्दर मूर्तियां बनायी जा रही हैं। समाज को प्रेरित कर उनसे अनुरोध किया जायेगा कि दीपावली के अवसर पर विदेशी मूर्तियों के स्थान पर इन स्वदेशी मूर्तियों को खरीदें, इससे गो-वंश के प्रति सम्मान भी बढ़ेगा और गोशालाओं की आय में वृद्धि होगी।
गोबर से बने लट्ठों को शमशान घाट, स्थानीय नर्सरी, वन विभाग आदि को खरीदने के लिये जागरूक किया जायेगा। गोशालाओं में कार्य कर रहे कर्मचारियों के परिवारों की महिलाओं को राष्ट्रीय आजीविका मिशन के महिला स्वयं सहायता समूहों से जोड़़़ कर उनकों रोजगार दिलाने की सम्भावनाओं को भी तलाशा जायेगा।
समस्त जिलाधिकारियों व मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारियों से भी अनुरोध किया जायेगा कि उनके जनपद में बने स्थायी गो-संरक्षण केन्द्रों को भी इसी प्रकार से आत्मनिर्भर बनाने की योजना बनायें। इसमें मनरेगा से भी सभी प्रकार का सहयोग लिया जा सकता है।
यह जानकारी आज यहां उ0प्र0 गो-सेवा आयोग के गो-सेवा अधिकारी, डाॅ0 संजय यादव ने दी।
“हिंद वतन समाचार” की रिपोर्ट…