लॉक डाउन की मार से सिर्फ पर्यटन नगरी ही बेजार नहीं

लॉक डाउन की मार से सिर्फ पर्यटन नगरी ही बेजार नहीं…

फूलों की घाटी के नाम से मशहूर भीमताल में फूलों का कारोबार भी पूरी तरह से प्रभावित…

1998 में शुरू हुई विनिलेब नाम की नर्सरी भी लगभग 1 करोड़ के नुकसान में है…

रामनगर/भीमताल/उत्तराखंड:- लॉक डाउन की मार से सिर्फ पर्यटन नगरी ही बेजार नहीं हैं बल्कि फूलो की घाटी के नाम से मशहूर भीमताल में फूलो का कारोबार भी पूरी तरह से प्रभावित हो गया है।भीमताल में लगभग 60 नर्सरी है जिनपे भी लाकडाउन की मार पड़ी है।

1998 में शुरू हुई विनिलेब नाम की नर्सरी भी लगभग 1 करोड़ के नुकसान में है

आज विनिकेब नर्सरी का निरीक्षण करने पर वहां पर कार्यरत चंद्र शेखर और गिरीश ने बताया कि लॉक डाउन के दौरान उनकी नर्सरी को भारी नुकसान हो गया है, जिसमें इन फूलों को भारी नुकसान हो रहा है।
लीलियम एशियाटिक,पियोनी फ्लॉवर,
मेगापेंथास,हाइड्रणजिया,
ये नर्सरी 6 एकड़ में है ,विनलेब एक्सपोर्ट लिमिटेड जूही सिंह की है।जो लखनऊ निवासी है।
लिलियम और पियोनी के फूल तैयार है मगर लॉक डाउन की वजह से दिल्ली मंडी बन्द होने के कारण इस फूल का नुकसान हो रहा है गौरतलब है ये फूल दिल्ली मंडी बिकने को जाता हैं ।एक फूल की डंडी की कीमत 25 से 30 रुपये की थोक में बिकती हैं ऐसा बताया जा रहा है।नर्सरी संचालकों ने बताया कि अगर लॉक डाउन लंबा खींचा तो नर्सरी को लगभग एक करोड़ का नुकसान हो जाएगा।संचालकों ने बताया कि उद्यान विभाग भी एक बार सिर्फ देखने भर को आया उसके बाद उन्होंने भी इसकी सुध नहीं ली।नर्सरी सुपरवाइजर ने बताया कि नर्सरी में वर्तमान में ग्यारह लोग काम करते है काम बंद होने की वजह से मुश्किल से खर्च चला पा रहे है नर्सरी संचालकों ने वैश्विक महामारी के इस दौर में सरकार से फूलों के कारोबार (नर्सरी ) की और भी ध्यान देने की मांग की है।

वरिष्ठ पत्रकार समीम दुर्रानी की रिपोर्ट…