दो युवतियों द्वारा एक साथ आत्महत्या किए जाने के मामले में आया नया मोड़…
“हिंद वतन समाचार” में 15 अप्रैल को चली खबर 👆
मामला निकला “दो फूल और एक माली” वाला: बहनें नहीं सहेलियां थी दोनों- प्रेमी के साथ रहतीं थीं…
फर्जी आधार कार्ड के जरिए किराए पर ले रखा था फ्लैट, प्रेमी की मौत के बाद दोनों ने लगा ली फांसी…
“हिंद वतन समाचार” ने 15 अप्रैल को ही चलाई थी खबर…..
लखनऊ/कानपुर। कानपुर के पनकी थाना क्षेत्र के रतनपुर स्थित शिवालिक अपार्टमेंट में बीएसएफ जवान के फ्लैट से दो युवतियों के शव खिड़की से श्रलटके पाए जाने के मामले के खुलासे में “दो फूल और माली” वाली कहानी सामने आई है, जिसमें हर कोई हैरान है। चौंकाने वाले “राज” में यह सामने आया है कि आत्महत्या करने वाली दोनों लड़कियां बहने नहीं बल्कि सहेलीं थीं और जिसके साथ रह रहीं थीं वह उनका भाई नहीं बल्कि प्रेमी था और दोनों ही उससे प्रेम करतीं थीं। बताते चलें कि बर्रा निवासी राजेश पांडे जो दिल्ली में बीएसफ में तैनात हैं, और उनका एक फ्लैट रतनपुर-पनकी स्थित शिवालिक अपार्टमेंट में है। इस फ्लैट से 15 अप्रैल को किराए पर रहने वाली दो युवतियों के शव मिले जो कमरे के अंदर खिड़की से लटके हुए थे और बुरी तरह से सड़-गल गए थे। राजेश पांडेय के अनुसार दोनों युवतियों ने ओयो के माध्यम से फ्लैट किराए पर लिया था। उनके साथ एक युवक नवीन भी रहता था, जिसे युवतियां अपना भाई बतातीं थीं। युवतियों ने राजेश पांडेय व पड़ोसियों को ये भी बता रखा था कि उनके माता-पिता की केदारनाथ हादसे में मृत्यु हो चुकी है। “हिंद वतन समाचार” ने 15 अप्रैल को ही इस बारे में खबर चलाई थी।
युवतियों द्वारा फ्लैट किराए पर लिए जाने के समय दिए गए आधार कार्ड आदि से पुलिस ने दोनों युवतियों को बहन माना तथा उनकी शिनाख्त कौशांबी निवासी विनोद कुमार शुक्ला की पुत्री रिंकी शुक्ला व आभा शुक्ला के रूप में की गई। पहले तीनों जहरौली में रहते थे। 15 जनवरी को हार्ट अटैक से नवीन की मृत्यु हो गई थी। पुलिस को लगा कि माता-पिता की मृत्यु के बाद “भाई” नवीन की भी मृत्यु हो जाने के चलते ही अवसाद में दोनों “बहनों” ने भी आत्महत्या कर ली। पुलिस ने सील फ्लैट को दुबारा खोलकर जब तलाशी ली तो कमरे से सुसाइड नोट भी मिल गया जिसमें लिखा था कि “नवीन उनके जीवन का एक मात्र सहारा था, उसके निधन से टूटकर ही दोनों आत्महत्या कर रहीं हैं।”
पनकी थाना प्रभारी विनोद कुमार सिंह के अनुसार इस मामले में नया मोड़ तब आया जब बर्रा स्थित कामद स्कूल के प्रबंधक व एक युवती (यामिनी) के अतरौली-हरदोई निवासी पिता ने थाने आकर बताया कि आत्महत्या करने वालीं युवतियों के नाम रिंकी शुक्ला और आभा शुक्ला नहीं बल्कि यामिनी दुबे व पारूल सक्सेना था और उनके साथ रहने वाला नवीन उनका भाई नहीं बल्कि प्रेमी था। यामिनी के पिता अवधेश दुबे जो सीतापुर में पीएसी में दीवान के पद पर तैनात हैं, ने पुलिस को बताया कि पारूल सक्सेना कर्नलगंज थाना क्षेत्र के मकरावर्टगंज की रहने वाली थी। नवीन पी रोड निवासी रिटायर्ड शिक्षक का पुत्र था। यामिनी, पारूल व नवीन तीनों नवोदय विद्यालय में साथ में पढ़ें थे और तीनों ने एक साथ एमसीए भी किया था। उनके अनुसार पढ़ाई के दौरान ही विद्रोही स्वभाव के चलते 2014 में यामिनी ने घर छोड़ दिया था। किदवई नगर थाने में उसकी गुमशुदगी भी दर्ज कराई गई थी। पता चलने पर उसने घर लौटने से इंकार कर दिया था। अवधेश दुबे ने बताया कि उन्होने नवीन के समक्ष विवाह का प्रस्ताव भी रखा था पर उसने इंकार कर दिया था।
पुलिस के अनुसार कामद स्कूल के लोगों ने भी जो शैक्षिक दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं उससे भी दोनों की पहचान यामिनी वह पारुल के रुप में ही हुई है। इंस्पेक्टर पनकी का कहना है कि पारुल के परिजनों से अभी संपर्क नहीं हो पाया है। उन्होने यह भी बताया कि यामिनी व पारुल ने फर्जी आधार कार्ड कहां से बनवाया, उसकी जांच की जा रही है।
विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,