लोक डाउन के चलते किसानों की अर्थव्यवस्था का सरकार रखें ध्यान -किसान नेता सोमबीर यादव…
देश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से रोकथाम एवँ लॉकडाउन की समस्या को मद्देनजर रखते हुए देश में किसानों की अर्थव्यवस्था चौपट होती जा रही है।अगर कृषि प्रधान देश में किसानों की अर्थव्यवस्था चौपट होगी तो देश में खाने के लाले पड़ जाएंगे।
इसलिए सरकार को किसानों की समस्याओं का विशेष तौर से ध्यान रखना बेहद जरूरी होगा।
किसान नेता सोमबीर यादव ने कहा है कि इस समय सरकार को गेंहू खरीद पर जोर देना चाहिए। हालांकि इस समय मौसम मेहरबान हैं। अभी इतनी तेज गर्मी भी नहीं है।इसलिए कुछ राहत भी है। इस समय पंजाब और हरियाणा ने गेंहू खरीद के लिए 15 और 20 अप्रैल माह की तारीख घोषित किये हैं। मध्य प्रदेश गुजरात से गेहूं की फसलें जल्दी आ जाती हैं। वहाँ पर सरकार ने गेंहू की खरीद फरोख्त लॉकडाउन के चलते अभी शुरू नही किया है। जिन किसानों के परिवार में काम करने वाले लोग हैं।वह तो इस समय गेंहू की कटाई के काम में लगे हुए हैं। और जो किसान मजदूरों के भरोसे पर खेती करते हैं,उन्हें मजदूर नहीं मिलने से थोड़ी दिक्कत आ रही हैं।
किसान नेता सोमबीर यादव का कहना है कि जिन किसान परिवारों से एक न एक सदस्य बाहर नौकरी या कोई व्यवसाय करते थे तो उनके परिवार में पैसा आता- जाता रहता था वह अपने घर पर पैसा भेज दिया करते थे।लेकिन अब लॉकडाउन के चलते उन किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।लेकिन अब तो भगदड़ मची हुई है। लोग शहरों से भाग कर गाँवो में पहुंच गए हैं।और कुछ रास्ते में ही अटके हुए हैं। और अब खुद की ही खेतीबाड़ी के भरोसे पर है। और कुछ किसान दूध के कारोबार से जुड़े हुए हैं।इस लॉकडाउन के चलते 30 फीसदी तक दूध की सप्लाई हो पा रही है। औऱ कुछ किसान सब्जियों का उत्पादन करते हैं। उन किसानों की लॉकडाउन की चलते सब्जियों की सही तरीके से सप्लाई नही हो पा रही हैं। जिससे किसानों को सही तरीके का मुनाफा नही मिल रहा है।
किसान नेता रामनिवास रघुवंशी ने कहा है कि फैक्ट्रियां बन्द हो जाने के कारण पशुओं का चारा बिनोला चोकर,चुनी औऱ अन्य प्रकार के पशुओं के चारे बहुत मंहगे हो गये हैं। जिससे किसानों को बहुत आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।बड़े बड़े दुग्ध उत्पादों के प्लान्ट बन्द हो गए हैं। जिससे किसानों की रोजी-रोटी रोजगार ठप होने से छिन गयी है। किसानों के द्वारा उत्पादित उत्पादनों का सही तरीके से बाजारीकरण ना होने के कारण बड़ा संकट खड़ा हो गया है। खेत से बाजार और बाजार से खेत ले जाने और लाने की चेन की कड़ी बन्द पड़ी है। अब सवाल ये उठता है कि जो लोग शहरों से गांवों की ओर लौटे हैं। वह लोग गांवों में क्या करेगें। और कैसे उनकी दो वक़्त की रोजी रोटी का इंतजाम होगा।
किसान नेता लाखन सिंह त्यागी का कहना है कि सरकार आवश्यक वस्तुओं के लिए ट्रकों की आवा जाई खोल दे। और ट्रक चालको को ट्रेनिंग दी जाए कि कोरोना वायरस से किस प्रकार से सावधान रहना है।औऱ अपने बचते औरो को बचाते हुए सामाजिक दूरी और सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था का ख्याल रखते हुए। किसानों के द्वारा उत्पादित आवश्यक चीजों का बाजारीकरण करना चाहिए। और किसानों को जो प्रधानमंत्री सम्मान निधि मिल रही है उसका दायरा बढ़ा दिया जाय। और जो किसानों के ट्यूबेल कनेक्शन का बिल माफ किया जाना चाहिए। और केसीसी ऋण माफ किया जाना चाहिए। तब किसान की अर्थव्यवस्था सुधरेगी तो देश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी।
इसलिए किसान नेता सोमबीर यादव ने सरकार से माँग की है कि सरकार किसानों की ओर ध्यानाकर्षित करे। तो इस आपदा की घड़ी में देश ऊपर उठ सकता है। और निचले पायदान के लोगों का सही तरीके से भरण पोषण हो सकता है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…