उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में आज यहां लोक भवन में सम्पन्न…
मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:-
– जनपद फतेहपुर के ग्राम मधुपुरी स्थित 5.37 एकड़ निःशुल्क भूमि नए केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना हेतु भारत सरकार के पक्ष में हस्तान्तरित करने सम्बन्धी प्रस्ताव मंजूर
मंत्रिपरिषद ने जनपद फतेहपुर के ग्राम मधुपुरी स्थित गाटा संख्या-34मि0-0.1380 हे0 34मि0-1.5780 हे0, गाटा संख्या-37-0.2510 हे0 एवं गाटा संख्या-39-0.2060 हे0 कुल 5.37 एकड़ निःशुल्क भूमि नए केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना हेतु भारत सरकार के पक्ष में हस्तान्तरण करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
– जनपद गोरखपुर में क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निर्माण कार्य से सम्बन्धित द्वितीय पुनरीक्षित प्रायोजना प्रस्ताव स्वीकृत
मंत्रिपरिषद ने जनपद गोरखपुर में क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निर्माण हेतु द्वितीय पुनरीक्षित अनुमोदित लागत 6610.65 लाख रुपए के पुनरीक्षित प्रस्ताव तथा प्रायोजना में प्रयुक्त होने वाली लोक निर्माण विभाग द्वारा अनावासीय भवनों हेतु निर्धारित विशिष्टियों से उच्च विशिष्टियों यथा एल्युमिनियम फ्रेम वर्क, स्ट्रक्चरल ग्लेजिंग, ए0सी0पी0 पैनलिंग, ग्रेनाइट वाॅल क्लेडिंग आदि के प्रयोग के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
– फिल्म ‘तानाजी-द अन्संग वाॅरियर’ में दर्शकों द्वारा प्रवेश हेतु देय राज्य माल एवं सेवा कर की समतुल्य धनराशि की प्रतिपूर्ति किए जाने के आदेश को कार्योत्तर अनुमोदन
मंत्रिपरिषद ने फिल्म ‘तानाजी-द अन्संग वाॅरियर’ में दर्शकों द्वारा प्रवेश हेतु देय राज्य माल एवं सेवा कर की समतुल्य धनराशि की प्रतिपूर्ति किए जाने के सम्बन्ध में निर्गत आदेश को कार्योत्तर अनुमोदन प्रदान कर दिया है।
फिल्म ‘तानाजी-द अन्संग वाॅरियर’ स्वतंत्रता के पूर्व के एक बहादुर भारतीय योद्धा तानाजी मालसुरे की वास्तविक कहानी पर आधारित है। यह फिल्म, एक देशभक्त की प्रेरणादायक एवं समृद्ध भारतीय इतिहास की दिल को छू लेने वाली कथा है। तानाजी ने स्वयं को एक सच्चे देशभक्त की तरह राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया। फिल्म ‘तानाजी-द अन्संग वाॅरियर’ को बनाने का उद््देश्य है कि उनकी कहानी देश के प्रत्येक भारतीय परिवार तक पहुंच सके।
शासनादेश संख्या-14/11-6-20-एम(01)/2020 दिनांक 15.01.2020 में निहित व्यवस्थानुसार राज्य सरकार द्वारा फिल्म ‘तानाजी-द अन्संग वाॅरियर’ में दर्शकों द्वारा प्रवेश हेतु देय राज्य माल और सेवा कर के समतुल्य धनराशि की प्रतिपूर्ति किए जाने का निर्णय लिया गया है।
– उ0प्र0 जिला खनिज फाउण्डेशन न्यास (प्रथम संशोधन) नियमावली-2020 प्रख्यापित
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश जिला खनिज फाउण्डेशन न्यास (प्रथम संशोधन) नियमावली-2020 के प्रख्यापन को मंजूरी प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि जिला खनिज फाउण्डेशन न्यासों की संरचना और उनके कृत्यों का विनियमन करने तथा खनन क्रियाकलापों के प्रभावित क्षेत्रों में विकास सम्बन्धी क्रियाकलाप सम्पादित करने की राीति को विहित करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश जिला खनिज फाउण्डेशन न्यास नियमावली-2017 प्रख्यापित की गयी थी, जो दिनांक 12 जनवरी, 2015 से प्रभावी है।
जनपद स्तर पर गठित न्यास के कार्याें के निस्तारण का अधिकार प्रबन्ध समिति में निहित होता है, जिसका अध्यक्ष सम्बन्धित जिलाधिकारी होता है। न्यास का उद्देश्य जनपद स्तर पर खनन से प्रभावित लोगांे के पर्यावरण स्वास्थ्य और सामाजिक, आर्थिक व्यवस्था पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों को न्यून करना तथा उसमें कमी लाना है।
उपखनिजों के सम्बन्ध में खनिज परिहार/अनुज्ञा पत्रधारक द्वारा रायल्टी की धनराशि के 10 प्रतिशत के बराबर धनराशि का भुगतान न्यास निधि में किया जाता है, जो रायल्टी की धनराशि के अतिरिक्त होती है। नियमावली में उच्च प्राथमिकता के क्षेत्रों/मदों पर न्यास निधि की कम से कम 60 प्रतिशत व अन्य प्राथमिकता के क्षेत्रों/मदों पर शेष 40 प्रतिशत धनराशि व्यय किये जाने का प्राविधान है।
उच्च प्राथमिकता के कार्याें में पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण उपाय के अन्तर्गत पर्यावरणीय सौहार्द एवं सम्पोषणीय खान विकास ;म्दअपवतदउमदज.तिपमदकसल ंदक ेनेजंपदंइसम उपदम कमअमसवचउमदजद्ध हेतु प्रदूषण नियंत्रण के तौर-तरीके व अन्य प्राथमिकता के क्षेत्रों में पर्यावरणीय गुणवत्ता में वृद्धि करने हेतु अन्य उपाय अपनाया जाना इंगित है।
इसलिए वैज्ञानिक तरीके से खनिज क्षेत्रों का अध्ययन कर जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट (डी0एस0आर0) तैयार करने, प्रदूषण नियंत्रण तथा पर्यावरण के अनुकूल सहनीय खान विकास के लिए अवैध खनन/परिवहन को नियंत्रित किये जाने हेतु आवश्यक तकनीकी अवसंरचना और उसके लिए अपेक्षित उपकरण तथा कर्मचारियों की व्यवस्था करने के लिए न्यास निधि से जनपद स्तर पर व्यय किये जाने हेतु उत्तर प्रदेश जिला खनिज फाउण्डेशन न्यास नियमावली-2020 प्रख्यापित की गयी है।
– उ0प्र0 उपखनिज (परिहार) (उन्चासवां संशोधन) नियमावली, 2020 प्रख्यापित
मंत्रिपरिषद ने उ0प्र0 उपखनिज (परिहार) (उन्चासवां संशोधन) नियमावली, 2020 के प्रख्यापन को मंजूरी प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि खान और खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम-1957 की धारा 15 में प्रदत्त शक्ति के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा उपखनिजों के खनन प्रशासन हेतु उत्तर प्रदेश उपखनिज (परिहार) नियमावली, 1963 (यथासंशोधित) प्रख्यापित की गयी है। वर्तमान में इस नियमावली में प्रदेश में भवनों के निर्माण तथा विकास परियोजनाओं के स्थापना के अवसर पर खुदाई के दौरान निकलने वाले उपखनिजों के निस्तारण हेतु प्राविधान नहीं है।
प्रदेश में भवनों (गैर वाणिज्यिक, निजी आवासीय भवनों को छोड़कर) तथा विकास परियोजनाओं के निर्माण के दौरान खुदाई से निकलने वाले उपखनिजों के निस्तारण की प्रक्रिया निर्धारण हेतु उत्तर प्रदेश उपखनिज (परिहार) नियमावली, 1963 में नियम-52(ख) जोड़ा जाना प्रस्तावित है। इस नियम के अनुसार उत्खनित उपखनिजों का निस्तारण जिला मजिस्ट्रेट द्वारा नियमावली में निर्धारित रायल्टी दर पर निर्गत अनुज्ञा पत्र के आधार पर उसकी शर्ताें के अनुसार किया जाएगा।
आवेदन पत्र प्राप्त होने पर खान अधिकारी/खान निरीक्षक द्वारा स्थलीय निरीक्षण कर उत्खनित, उपखनिज की मूल्यांकित मात्रा का विवरण प्रस्तुत किया जाएगा। जिलाधिकारी द्वारा आवेदन पर प्राप्त होने के एक माह के अन्दर अनुज्ञा पत्र निर्गत किया जा सकेगा। किन्तु एक माह में आवेदन पत्र निस्तारित न किये जाने पर मूल्यांकित मात्रा के आधार पर रायल्टी भुगतान किये जाने की दशा में अनुज्ञा पत्र निर्गत किया हुआ समझा जाएगा।
इस प्राविधान से गैर वाणिज्यिक तथा निजी आवासीय भवन आच्छादित नहीं होंगे। उद्योगांे के प्रोत्साहन, भवन निर्माण व विकास परियोजनाओं को गति प्रदान तथा जनसामान्य में उपखनिजों की उपलब्धता बढ़ाने के साथ-साथ राजस्व प्राप्ति के दृष्टिगत जनहित में उत्तर प्रदेश उपखनिज (परिहार) नियमावली, 1963 में नया नियम-52’ख’ बढ़ाया गया है।
“हिंद वतन समाचार” की रिपोर्ट, , ,