एमएलसी के हाथ में थी गनर की कारबाइन और भाई रायफल से चला रहा था गोलियां, गनर को भी जेल भेजा गया…
मुलायम के करीबी कमलेश पाठक ने गोलियां चलवाकर एक बार नेताजी का हेलीकाॅप्टर औरैया में नहीं उतरने दिया था…
सपा एमएलसी व उनके भाइयों सहित सभी आरोपियों पर गैंगेस्टर व रासुका लगेगी…
लखनऊ/औरैया। सौ साल पुराने पंचमुखी हनुमान मंदिर और उसकी करीब एक एकड़ जमीन के विवाद तथा वर्चस्व की लड़ाई में कल दिनदहाड़े औरैया के मुख्य बाजार नारायनपुर में अधाधुंध हुई फायरिंग में अधिवक्ता मंजुल चौबे व उनकी शिक्षिका बहन सुधा चौबे की हत्या के मामले में जेल भेजे गए सपा एमएलसी कमलेश पाठक के संबंध में पुलिस के हाथ एक वीडियो लगा है, जिसमें वे गनर अवनीश प्रताप सिंह की कारबाइन लिए हुए एवं उनका भाई पूर्व ब्लाक प्रमुख संतोष पाठक रायफल से फायरिंग करते हुए दिख रहे हैं। 29 सेकेंड का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में गनर की भूमिका भी पाठक बंधुओं का साथ देते हुए दिख रही है। सरकारी कारबाइन कब्जे में लेकर गनर एवं एमएलसी व उनके दो भाइयों सहित सात लोगों को सीजेएम अर्चना तिवारी ने 27 मार्च तक के लिए न्यायिक अभिरक्षा में इटावा जिला कारागार भेज दिया गया। जेल भेजे गए लोगों में मंदिर का कथावाचक राजेश शुक्ला व कार चालक लवकुश उर्फ छोटू शामिल है।
कल की घटना के संबंध में पुलिस ने संगीन धाराओं के तहत 3 मुकदमे दर्ज किए हैं। पुलिस का कहना है कि वायरल हो रहे वीडियो को साक्ष्य के तौर पर विवेचना में शामिल किया जाएगा। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के नजदीकी माने जाने वाले डा. कमलेश पाठक की दबंगई का ये आलम है कि एक बार तो उन्होने नेता जी के हेलीकॉप्टर को ही औरैया में नहीं उतरने दिया था। जिला बचाओ आंदोलन में अपनी ही पार्टी का विरोध करके बगावत भी की थी। 2003 में बनी सपा सरकार में कमलेश पाठक विधायक थे। मुख्यमंत्री रहते हुए मुलायम सिंह ने औरैया जिला खत्म किया तो कमलेश पाठक बगावत पर उतर आए थे। औरैया में सभा करने आए मुलायम सिंह के हेलीकॉप्टर पर गोलियां चलवा दी थीं। एक घंटे तक हेलीकॉप्टर हवा में उड़ता रहा था और उसे उतरने नहीं दिया गया था। सड़कों पर बवाल होने पर तत्कालीन विधानसभा अध्य्क्ष स्व. धनीराम वर्मा पत्थर लगने से घायल हो गए थे और उन्हे अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
कमलेश पाठक ने 80 के दशक में बीहड़ के सबसे बड़े हिस्ट्रीशीटर स्वामीचरन चौधरी पर हमला कर उसे गिराकर अपना दबदबा कायम किया था, इसी के बाद वे मुलायम सिंह के संपर्क में आए और राजनीतिक पारी की शुरुआत की। 2013 में उन्हे रेशम विभाग का अध्यक्ष बनाकर राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया था। कमलेश पाठक ने जेल से 2009 में लोकसभा का चुनाव लड़ा था, पर हार गए। 2015 में एमएलसी बने। 1985 में 28 वर्ष की उम्र में वे पहली बार विधायक बने थे। कल जब कोर्ट से बाहर आकर पुलिस की गाड़ी में जेल के लिए कमलेश पाठक जा रहे थे तो उनके चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी, उन्होने हाथ जोड़कर कोर्ट के बाहर खड़े लोगों का अभिवादन किया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपित चाहें जितनी पहुंच वाले हों, सभी के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट व रासुका के तहत कार्यवाही की जाएगी।
विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,