उत्तराखंड : महिला वन अधिकारी का शव चीला नहर से बरामद…
ऋषिकेश (उत्तराखंड), 11 जनवरी । राजाजी बाघ अभयारण्य के चीला रेंज में वन विभाग के ‘इंटरसैप्टर’ वाहन दुर्घटना के बाद लापता हुई महिला वन अधिकारी का शव बृहस्पतिवार को चीला नहर से बरामद हुआ, जिससे हादसे में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है।
राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआएफ) के अधिकारी ने यह जानकारी दी।
राजाजी बाघ अभयारण्य की वन्यजीव प्रतिपालक आलोकी देवी सात जनवरी से लापता थीं। इलेक्ट्रिक वाहन के परीक्षण के दौरान उनका वाहन पेड़ से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और वह वाहन से छिटककर नहर में जा गिरी थीं।
इस हादसे में दो वन अधिकारियों समेत चार लोगों की मौत हुई थी। दुर्घटना में पांच अन्य घायल भी हुए थे।
आलोकी देवी की तलाश में जुटे एसडीआएफ के पुलिस निरीक्षक कवींद्र सजवाण ने यहां बताया कि आलोकी देवी का शव सुबह चीला नहर से बरामद कर लिया गया।
उन्होंने बताया कि दुर्घटना के बाद से ‘सोनार’ एवं ‘अंडरवाटर ड्रोन’ जैसे कई अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से गोताखोरों की टीम उन्हें ढूंढने में जुटी थी। उन्होंने बताया कि नौ जनवरी को ऋषिकेश गंगा बैराज से नहर में पानी छोड़े जाने पर रोक लगाकर तलाश अभियान को तेज किया गया।
सजवाण ने बताया कि तड़के तलाश अभियान शुरू करने के बाद चीला बिजलीघर के पास नहर में एक शव तैरता हुआ दिखा जिसे निकाले जाने के पश्चात उसकी शिनाख्त आलोकी देवी के रूप में की गयी।
उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ ने शव को लक्ष्मणझूला पुलिस के सुपुर्द कर दिया है।
हादसे का शिकार हुआ वाहन चीला रेंज में परीक्षण के लिए लाया गया था जिसका उपयोग राजाजी प्रशासन को गश्त और जानवरों के बचाव के लिए करना था।
पुलिस ने इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली और उसमें सहयोग करने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों के खिलाफ बुधवार को मामला दर्ज किया।
लक्ष्मण झूला के थाना प्रभारी (एसएचओ) रवि कुमार सैनी ने कहा कि मामले में ‘अस्का’ और प्रवेग डायनेमिक्स कंपनियों के प्रतिनिधियों तथा वाहन चालक अश्वनी बीजू के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 304ए (लापरवाही से मौत), 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाकर मानव जीवन को खतरे में डालना) और 338 (जल्दबाजी, लापरवाही से कार्रवाई करके गंभीर चोट पहुंचाना) समेत विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…