महिला ने बाड़मेर के पूर्व विधायक और आठ अन्य पर लगाया दुष्कर्म का आरोप…
जोधपुर, 22 दिसंबर । एक महिला ने राजस्थान के बाड़मेर से पूर्व विधायक मेवाराम जैन तथा राजस्थान पुलिस सेवा (आरपीएस) के अधिकारी आनंद सिंह राजपुरोहित समेत नौ लोगों के खिलाफ उसके साथ दुष्कर्म करने तथा उसकी किशोर बेटी के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में पुलिस में बुधवार को शिकायत दर्ज कराई है।
पुलिस ने बताया कि जोधपुर के राजीव गांधी नगर पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है।
महिला ने प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि आरोपियों ने उसकी एक नबालिग मित्र से भी दुष्कर्म किया और उस पर और लड़कियां लाने का दबाव बनाया।
आरोपियों में दो पुलिस अधिकारी – बाड़मेर के थाना प्रभारी गंगाराम खावा और उप निरीक्षक दाउद खान तथा प्रधान गिरधारी सिंह सोढ़ा भी शामिल हैं।
थाना प्रभारी शकील अहमद ने प्राथमिकी की पुष्टि करते हुए कहा कि जैन और आठ अन्य के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, डराने-धमकाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने बताया, ” महिला ने आरोप लगाया कि जैन ने 2021 से कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया वहीं जैन से उसे मिलवाने वाला राम स्वरूप नामक व्यक्ति पिछले पांच वर्षों से उसके साथ दुष्कर्म कर रहा है।” अहमद ने बताया कि मामले की जांच प्रारंभ कर दी गई है।
महिला का आरोप है कि पांच वर्ष पहले अपने पिता की बीमारी के दौरान वह बाड़मेर के राम स्वरूप से संपर्क में आई थी और उसने महिला को मदद का आश्वासन दिया था। महिला के खराब हालात का फायदा उठाते हुए राम स्वरूप ने महिला से दुष्कर्म किया, घटना का वीडियो बनाया और उसका यौन शोषण जारी रखा।
महिला का आरोप है कि राम स्वरूप ने 2021 में उसे बाड़मेर के तत्कालीन विधायक जैन से मिलवाया और आरोप लगाया कि उन दोनों ने उसके साथ दुष्कर्म किया और उसके बाद से दुष्कर्म कर रहे हैं। आरोपियों ने उसकी किशोर बेटी के साथ भी छेड़छाड़ की, उसकी एक सहेली के साथ दुष्कर्म किया और उस पर अन्य महिलाओं को भी लाने के लिए दबाव डाला।
महिला का आरोप है कि पुलिस अधिकारियों तथा अन्य आरोपियों ने मामले को उजागर नहीं करने की धमकी दी। साथ ही उसे कोरे कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए भी बाध्य किया।
राम स्वरूप ने नवंबर 2022 में बाड़मेर में दो महिलाओं समेत पांच लोगों के खिलाफ उगाही और 50 लाख रुपये मांगने के आरोप में मामला दर्ज कराया था। इस मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था।
मेवाराम जैन कांग्रेस के टिकट पर तीन बार बाड़मेर सीट से विधायक चुने गए थे। हालांकि वह पिछला चुनाव भारतीय जनता पार्टी से बगावत करने वाली प्रियंका चौधरी से हार गए थे। वह गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
जैन की कुछ तस्वीरें और सीडी भी पिछले वर्ष सामने आयी थीं जिसे उन्होंने फर्जी करार दिया था और इस संबंध में बाड़मेर के कोतवाली पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया था।
प्रवर्तन निदेशालय की जयपुर शाखा ने इस मामले में कथित तौर पर पांच करोड़ रुपये का लेनदेन होने की जानकारी मिलने के बाद इस संबंध में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) का मामला दर्ज किया था।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…