पकवानों का पर्व है होली…

पकवानों का पर्व है होली…

उत्तर प्रदेश सैदपुर (गाज़ीपुर): भारतीय त्यौहारों में पकवानों का अपना अलग ही महत्व रहता है। होली का त्यौहार हो तो रंगों के साथ-साथ पकवानों और ठंडई का अपना मजा रहता है। होली के समय बनने वाले लज्जतदार व्यंजनों की खुशबू अपने आप ही लोगों के मुंह में पानी ला देती है। घरों में तीन चार दिन पहले से ही महिलाएं इसकी तैयारी में लग जाती है। होली में बहुत प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं जिनमें मालपुआ, गुझिया, खीर, दही बड़ा, नमकीन, कचौरी, पपड़ी, मूंग हलवा आदि व्यंजन घरों में मुख्य रूप से तैयार किए जाते है। होली पर्व में गुझिया का अपना अलग ही महत्व होता है खोया सूजी मेवा डालकर चंद्राकार गोझिया होली के स्वागत का मुख्य व्यंजन है। गुझिया के कारण होली पर खोया का बाजार आसमान छूने लगता है। ग्रामीण क्षेत्रों में होली के दिन ठंडाई पीने और पिलाने का चलन काफी पहले से है लोग शाम के समय लोग एक दूसरे के घर जाते है अबीर गुलाल लगाते है और फिर ठंडई या भांग का सर्बत पीते है। होली के दिन अधिकांश घरों में ठंडाई बनाई जाती है। कई घरों में भांग के लड्डू, भांग का बर्फी, भांग के मालपुए और पकौड़े भी बनाए जाते हैं। ऐसे पकवान होली की मस्ती का आनंद दोगुना कर देते है। दिनों दिन बढ़ती मधुमेह की बीमारी के कारण आजकल बाजारों में शुगर फ्री पकवानों का चलन काफी बढ़ गया है। जिसके चलते पकवानों की मिठास में कमी आई है, तो वहीं गुझिया, रसगुल्ला आदि मीठे व्यंजनों में शुगर फ्री का उपयोग किया जा रहा है।।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…