प्रकृति प्रेमी है तो आपके लिए स्विट्जरलैण्ड से अच्छा कोई देश नहीं…

प्रकृति प्रेमी है तो आपके लिए स्विट्जरलैण्ड से अच्छा कोई देश नहीं…

अगर आप विदेश यात्रा में जाने का प्लान कर रहे है और आप प्रकृति प्रेमी है तो आपके लिए स्विट्जरलैण्ड से अच्छा कोई देश नही होगा, क्योंकि एक ऐसा देश है जो 60 प्रतिशत सरजमीन ऐल्प्स पहाड़ों से ढकी हुई है। इस देश में बहुत ही खूबसूरत पर्वत, गांव, सरोवर (झील) और चारागाह हैं।यहां एक तरफ बर्फ के सुंदर ग्लेशियर हैं। ये ग्लेशियर साल में आठ महीने बर्फ की सुंदर चादर से ठके रहते हैं। तो वहीं दूसरी तरफ सुंदर वादियां हैं जो सुंदर फूलों और रंगीन पत्तियों वाले पेड़ों से ढकीं रहती हैं। स्विस लोगों का जीवनस्तर दुनिया में सबसे ऊंचे जीवनस्तरों में से एक है। स्विस घड़ियां, चीज, चॉकलेट, बहुत मशहूर हैं। निर्देशक यश चोपड़ा ने दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे से लेकर ढाई अक्षर प्रेम के, जुदाई, हीरो जैसी फिल्में फिल्माईं हैं।

भारतीय पर्यटक स्विट्जरलैंड की ओर पहलें से अधिक मात्रा में यहां के लिए रुख कर रहे है। यह इजाफा 26 प्रतिशत बढा है इस बात की स्विट्जरलैंड पर्यटन के निदेशक क्लाउडियो जेम्प ने मीडिया को बताई। स्विट्जरलैंड में 2015 की पहली छमाही में भारतीय पर्यटकों की संख्या में 26 प्रतिशत इजाफा हुआ है और इस पूरे वर्ष में इसमें 20 प्रतिशत से अधिक इजाफा दर्ज होने की उम्मीद है। भारत में स्विट्जरलैंड पर्यटन के निदेशक क्लाउडियो जेम्प ने मीडिया से बात करते हुए कहा, हमने 2015 में भारत से आने वाले पर्यटकों की संख्या में आश्चर्यजनक वृद्धि देखी है। पिछले तीन वर्षों में अपेक्षाकृत स्थिर बढोतरी के बाद इस वर्ष भारतीय पर्यटकों की संख्या में जनवरी से जून के दौरान 26.7 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

इन लव विथ स्विट्जरलैंड…
उन्होंने बताया कि जून सबसे अच्छा महीना रहा और इस दौरान 40 प्रतिशत बढोतरी दर्ज की गई। जेम्प ने कहा, भारतीय नए अनुभव प्राप्त करना चाहते हैं इसलिए हमें लगता है कि वे अब सर्दियों की छुट्टियों के लिए तैयार हैं । इसके मद्देनजर हम सर्दियों में पर्यटन को बढावा देने के लिए भारत में इन लव विथ स्विट्जरलैंड मुहिम शुरू कर रहे हैं।

निदेशक ने कहा कि इस मुहिम की मदद से सर्दियों के महीनों में भारतीय पर्यटकों की संख्या में 15 से 20 प्रतिशत और पूरे साल में 20 प्रतिशत से अधिक की बढोतरी होने की उम्मीद है। स्विट्जरलैंड टूरिज्म इंडिया की उपनिदेशक रितु शर्मा ने कहा, भारत में मजबूत आर्थिक विकास देखने को मिल रहा है जिसके कारण विदेशों की यात्रा और पर्यटन बाजार के बढने की उम्मीद है। भारतीय पर्यटक नई गतिविधियां करना और नई जगहों पर जाना चाहते हैं इसलिए हमने मांग के अनुसार भारत में नए उत्पाद पेश किए हैं।

यदि आपके पास थोड़ा सा वक्त और हौसला हो तो सूर्योदय के समय यहां की पहाड़ियों पर चहलकदमी करना बेहद सुखद लगता है। यदि पैदल नहीं जा सकते तो यहां से एक ट्रेन सीधी पहाड़ी के ऊपर जाती है। बिना चूके उसका टिकट ले लीजिए। और पहाड़ी के ऊपर से सुंदर स्विट्जरलैंड का नजारा लीजिए।

जंगफ्रोज…
समुद्र तल से 4158 मीटर ऊंचाई पर बना यह यूरोप की सबसे ऊंची पर्वत श्रंखला है। इसी के साथ-साथ यहां यूरोप का सबसे ऊंचा रेलवे स्टेशन भी है। इंटरलेकन स्टेशन से यहां के लिए ट्रेन मिलती है। इस ट्रेन से अपना सफर शुरू कर खूबसूरत स्विट्जरलैंड को अपनी आंखों में कैद करते हुए आप जंगफ्रोज पहुंच जाएंगें। बर्फ के पहाड़ों को काटती हुई ऊपर जाती इस ट्रेन से आप नयनाभिराम दृश्य देख और अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं। गर्मी के मौसम में यहां आईस स्कींग का लुफ्त उठाया जा सकता है। यहां की बर्फ पर पड़ती सूरज की तिरछी किरणों की आभा देखने का आनंद ही कुछ और है। जंगफ्रोज में बॉलीवुड की इतनी फिल्में फिल्माईं गईं हैं कि यहां बॉलीबुड रेस्त्रां ही बना दिया गया है। यह रेस्त्रां 15 अप्रैल से 15 सितंबर के मध्य खुलता है। इसके अलावा आइस पैलेस भी जंगफ्रोज का खास आकर्षण है।

शिल्थॉर्न ग्लेशियर…
जंगफ्रोज के अलावा शिल्थॉर्न ग्लेशियर का रास्ता भी इंटरलेकन ओस्ट से होकर जाता है। इसे विश्व के सबसे खूबृसूरत बर्फ के पहाड़ों में शुमार किया जाता है। यहां पाइन ग्लोरिया नामक राइड से आप पूरे ग्लेशियर का पैरोनामिक व्यू ले सकते हैं। यहां भव्य रेस्टोरेंट की श्रृंखला है। इन पड़ावों पर रुककर आप शिल्थॉर्न की खूबसूरती अपनी आंखों में कैद कर सकते हैं।

टिटलिस पर्वत श्रृंखला…
वादियों के इस देश का अगला पड़ाव है टिटलिस पर्वत श्रृंखला। यहां आप केबल कार के जिरए पूरे टिटलिस ग्लेशियर का खूबसूरती को निहार सकते हैं। केबल कार के सफर में आप स्विट्जरलैंड से ही जर्मनी के ब्लैक फारेस्ट के नजारे भी देख सकते हैं। इसी के साथ यहां के ग्लैशियर पार्क में घूमता मत भूलिएगा। इस पार्क में आइस से जुड़ी कई फन पैक्ड राइड्स हैं। जिनका रोमांच अलग मजा देता है। यह पार्क मई से अक्टूबर के मध्य खुला होता है।

ग्लेशियर ग्रोटो…
यदि आप स्विट्जरलैंड जाएं तो ग्लेशियर ग्रोटो को निहारना मत भूलिएगा। यहां बर्फ में बनी सुंदर गुफाएं हैं। इन गुफाओं की बर्फ की दीवारों पर 8,450 लेम्पस जगमगाते हैं। यहां हॉल ऑफ फेम भी है। जिसमें स्विट्जरलैंड आए प्रमुख हस्तियो के फोटों लगे हैं। यहां करिश्मा कपूर, वीरेंद्र सहवाग से लेकर कई भारतीय हस्तियों के फोटो पारंपरिक स्विज पोशाक में लगे हुए हैं।

मैटरहार्न…
प्राकृतिक सुंदरता के अलावा यदि आप रोमांचक खेलों के शौकीन हैं तो मैटरहार्न जाना मत भूलिएगा। यदि आप खतरों के खिलाड़ी हैं और बेहद नजदीक से ग्लेशियरों का नजारा देखना चाहते हैं तो यहां के मैटरहार्न क्लाइंबर्स क्लब की सदस्यता आपका इंतजार कर रही है। यहीं पर यूरोप का सबसे बड़ा आईस स्कींग जोन भी है।

ग्रोरनरग्रेट…
ग्रोरनरग्रेट जिसे अल्पाइन का स्वर्ग कहते हैं की खूबसूरती जरूर निहारिए। सर्दियों में बर्फ से ढके रहने वाला यह ग्लेशियर गर्मियों में फूलों की घाटी में बदल जाता है। म्यूजिक लवर्स के लिए रिगी फोलकरोले का सफर बेहद यादगार रहेगा। हर जुलाई में यहां स्विज सरकार म्यूजिक प्ले करवाती है। जिसमें सात घंटे तक लगातार लाइव कांसर्ट होते हैं।

रिगी कुलम…
यह ग्लेशियर नीली स्याही जैसी झीलों के लिए प्रसिद्ध है। यहां तक आप ल्यूजरैन शहर से बाय बोट, बाय कार, बाय केबल कार जैसा आप चाहे पहुंच सकते हैं। पहुंचने के बाद स्टीम ट्रेन में सफर करना न भूले। बैली यूरोप सैलून रेल कार नामक यह ट्रेन आपको पचास के दशक के राजसी वैभव का अहसास कराएगी। यहां का एंटीक महोगनी फर्नीचर, ब्रांज वर्क, रेड कारपेट और बैकग्राउंड म्यूजिक आपको दूसरी दुनिया में ले जाएंगे।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…