मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में अयोध्या में हुई उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक…

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में अयोध्या में हुई उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक…

अयोध्या, । अयोध्या में हुई उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के गठन, ड्रोन नीति, मंदिर संग्रहालय और विधानसभा का शीतकालीन सत्र 28 नवंबर से करने सहित कई प्रस्तावों को बृहस्पतिवार को मंजूरी दी गई।

परंपरा से हटकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान राम और हनुमान की तस्वीरों वाले एक बैनर के सामने खड़े होकर स्वयं मीडियाकर्मियों को मंत्रिमंडल की इस बैठक में मंजूर किए गए प्रस्तावों के बारे में जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने कहा, “मंत्रिमंडल की इस बैठक में कुल 14 प्रस्ताव पेश किए गए जिन्हें मंजूरी प्रदान की गई। मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण स्थापित करने का प्रस्ताव मंजूर किया जो इस राज्य में उपलब्ध जलाशयों में परिवहन के अवसरों की संभावना तलाशेगा।”

मुख्यमंत्री और अन्य ने पीला गमछा पहन रखा था जिस पर श्री सीता राम लिखा था।

योगी आदित्यनाथ ने कहा, “यह प्राधिकरण जलमार्ग का उपयोग कर परिवहन और व्यापार में सुधार के लिए काम करेगा और उत्तर प्रदेश को एक महत्वपूर्ण निर्यातक केंद्र बनाएगा।”

अधिकारियों ने कहा कि मंत्रिमंडल ने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ विकास परिषद के गठन का प्रस्ताव मंजूर किया है। इसके साथ ही मांझा जामतारा में एक मंदिर संग्रहालय के लिए 25 एकड़ भूमि आबंटित करने का प्रस्ताव भी मंजूर किया गया है।

उन्होंने कहा, “इस मंदिर संग्रहालय का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी के बीच हिंदू धर्म के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इस संग्रहालय में विभिन्न वीथिकाएं होंगी जहां एक मंदिर के विभिन्न पहलुओं जैसे इसकी डिजाइन, निर्माण आदि को प्रदर्शित किया जाएगा। प्रस्तावित संग्रहालय की प्रदर्शनी वीथिकाओं में देश के प्रसिद्ध मंदिरों की विशेषताएं और वास्तुशिल्प पेश की जाएंगी।”

मंत्रिमंडल ने अयोध्या रिसर्च इंस्टीट्यूट को अंतरराष्ट्रीय रामायण वैदिक रिसर्च इंस्टीट्यूट के तौर पर विकसित करने का भी प्रस्ताव मंजूर किया। साथ ही मां पातेश्वरी देवीपाटन विकास परिषद के गठन को भी मंजूरी दी गई है जो भारत-नेपाल सीमा पर स्थित देवीपाटन मंडल के विकास का काम देखेगी।

इस बैठक में मुजफ्फरनगर में शुक्रताल के विकास के लिए शुक्रतीर्थ विकास परिषद के गठन का भी प्रस्ताव मंजूर किया गया। शुक्रताल वह स्थान है जहां 5000 वर्ष पूर्व शुकदेव गोस्वामी ने अभिमन्यु के बेटे महाराजा परीक्षित को भगवत पुराण सुनाया था। यह उत्तर भारत में प्रसिद्ध पवित्र स्थलों में से एक है।

इसके अलावा, हाथरस में दाऊजी लखी मेला, अयोध्या के सभी प्रमुख मेलों, बुलंदशहर में गंगा मेला और वाराणसी में देव दीपावली के प्रांतीयकरण के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।

मंत्रिमंडल ने महिलाओं और बच्चों को पोषकता से भरपूर खाद्य उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों की मदद से जिला स्तर पर संयंत्र लगाने का प्रस्ताव भी मंजूर किया।

मंत्रिमंडल ने राज्य में ड्रोन नीति लागू करने को भी मंजूरी दी। मुख्यमंत्री ने कहा, “इस नीति के तहत पास के पुलिस थाना में ड्रोन का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।”

उन्होंने कहा, “बैठक में विधानसभा का शीतकालीन सत्र 28 नवंबर से कराने का प्रस्ताव मंजूर किया गया है।”

मंत्रिमंडल की बैठक के लिए सरयू नदी के तट पर स्थित रामकथा मंडप पहुंचने से पूर्व योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रिमंडलीय साथी आज सुबह अयोध्या पहुंचे एवं हनुमान गढ़ी मंदिर गए और फिर राम मंदिर गए और पूजा अर्चना की।

लखनऊ से बाहर मंत्रिमंडल की बैठक एक दुर्लभ आयोजन है। इससे पूर्व, पहली बार प्रयागराज में 2019 के जनवरी में कैबिनेट की बैठक हुई थी।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…