सर्वपितृ अमावस्या आज पूर्वजों की तृप्ति के लिए करें तर्पण…
मथुरा,। षनिवार को सर्वपितृ अमावस्या को अपने समस्त पूर्वजों की तृप्ति हेतु तर्पण अर्थात् जलदान अवश्य करें। जिन लोगों ने पितृ पक्ष में प्रतिदिन गौ ग्रास निकालने के बाद तथा श्राद्ध की तिथि के दिन ब्राह्मण को भोजन कराने के उपरांत तर्पण नहीं किया हो, वह अवश्य अमावस्या को तर्पण करें। क्योंकि तर्पण के बिना श्राद्ध की पूर्णता नहीं होती। वर्तमान में देखा गया है कि गाय व कुत्ते ग्रास को नहीं खा रहे हैं केवल सूँघकर छोड़ रहे हैं, कौए आकाश में दिख नहीं रहे। ऐसे में तर्पण में प्रयुक्त पदार्थ व जल वायु रूप में प्रविष्ट होकर हव्य के रुप में अत्यंत सूक्ष्म शरीर धारण कर पृथ्वी पर आए पितरों को प्राप्त होते हैं। जिससे पितृ संतुष्ट होते हैं। सबसे पहले देव तर्पण, ऋषि तर्पण तत्पश्चात् पितृ तर्पण का विधान है किसी आचार्य के निर्देशन में नदी, सरोवर निकट न हो तो किसी बगीचे में, कुआं के निकट या घर पर भी गो ग्रास निकाल कर व ब्राह्मण को भोजन कराकर तर्पण अवश्य करें।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…