आरबीआई नकदी प्रबंधन को सरकारी प्रतिभूतियों की खुले बाजार कर सकता है बिक्री: दास…
मुंबई, 06 अक्टूबर । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि आरबीआई नकदी प्रबंधन के लिये खुले बाजार में सरकारी प्रतिभूतियों की बिक्री कर सकता है।
उन्होंने कहा कि कि केंद्रीय बैंक की नकदी प्रबंध प्रक्रिया के तहत घोषित वृद्धिशील नकद आरक्षित अनुपात (आई-सीआरआर) को चरणबद्ध तरीके से वापस लिया जा रहा है और यह सात अक्टूबर को समाप्त हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि सात अक्टूबर को शेष आई-सीआरआर कोष जारी होने के साथ सरकारी खर्च में बढ़ोतरी से आगामी त्योहारों के दौरान नकदी या तरलता की स्थिति सुगम होने की उम्मीद है।
दास ने कहा, ”त्योहार के समय मुद्रा की मांग में वृद्धि होगी। इससे यह निश्चित रूप से एक संतुलन बनाने वाला कदम है। यह एक घूमने वाली पिच है जहां हमें अपने ‘शॉट’ सावधानी से खेलने की जरूरत है।”
द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा, ”आगे बढ़ते हुए हमें सजग रहने की जरूरत है। हमें मौद्रिक नीति के रुख के अनुरूप नकदी का प्रबंधन करने के लिए खुले बाजार में बॉन्ड की बिक्री (ओएमओ) पर विचार करना पड़ सकता है।”
उन्होंने कहा कि इस तरह के परिचालन की अवधि और मात्रा नकदी की स्थिति पर निर्भर करेगी।
नकदी की स्थिति सख्त हुई है क्योंकि भारांश औसत कॉल दर (डब्ल्यूएसीआर) बढ़ी है। यह मौद्रिक नीति का परिचालन लक्ष्य है।
‘कॉल मनी’ दर वह दर है जिस पर मुद्रा बाजार में बहुत कम समय के लिये राशि उधार ली और दी जाती है।
गवर्नर ने कहा कि अत्यधिक नकदी, मूल्य और वित्तीय स्थिरता दोनों के लिए जोखिम पैदा कर सकती है। ऐसे में अस्थायी उपाय के रूप में केंद्रीय बैंक ने 10 प्रतिशत का आई-सीआरआर लगाया था, जिसने बैंकिंग प्रणाली से लगभग 1.1 लाख करोड़ रुपये निकाले।
यह कार्रवाई इसलिए की गयी थी ताकि मौद्रिक नीति रुख के अनुरूप नकदी की स्थिति बने। उन्होंने कहा कि आई-सीआरआर की आठ सितंबर को समीक्षा की गई और इसे चरणबद्ध तरीके से वापस लिया गया। सात अक्टूबर को यह समाप्त हो रहा है।
उन्होंने कहा कि हाल के महीनों में बैंकों ने कोष को एक दिन की स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) के तहत रखने के बजाय 14 दिन के परिवर्तनीय दर रिवर्स रेपो (वीआरआरआर) परिचालन के तहत पेश करने को प्राथमिकता दी है।
गवर्नर ने कहा कि यह जरूरी हो जाता है कि बैंक अपनी वास्तविक नकदी की जरूरत का आकलन करें और उसी के अनुरूप मुख्य 14 दिन के वीआरआरआर परिचालन में नीलामी के दौरान बोली लगाएं।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…