आप के हमलों के बीच ‘रिश्वत’ मामले में अपने दो अधिकारियों की जांच करेगी ईडी…

आप के हमलों के बीच ‘रिश्वत’ मामले में अपने दो अधिकारियों की जांच करेगी ईडी…

नई दिल्ली, । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अपने दो अधिकारियों और कुछ व्यक्तियों के खिलाफ धन शोधन के आरोप लगा सकता है, जिन पर हाल में सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में गिरफ्तार एक आरोपी से जुड़े रिश्वतखोरी के मामले में मुकदमा दर्ज किया था। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। ईडी के अधिकारी पवन खत्री और नितेश कोहर, चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) प्रवीण कुमार वत्स, एअर इंडिया के सहायक महाप्रबंधक (एजीएम) दीपक सांगवान, क्लेरिजेस होटल्स एंड रिसॉर्ट्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विक्रमादित्य, शराब कंपनी ब्रिंडको सेल्स के मालिक अमनदीप ढल और उसके पिता बीरेंद्र पाल सिंह को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 25 अगस्त को दर्ज की गई प्राथमिकी में आरोपी बनाया गया है।

सीबीआई ने आठ अगस्त को ईडी द्वारा भेजी गई एक शिकायत पर कार्रवाई की थी। खत्री ईडी के दिल्ली जोन कार्यालय में सहायक निदेशक रैंक के अधिकारी हैं, जबकि कोहर यहां मुख्यालय में ईडी में अपर डिवीजन क्लर्क (यूडीसी) हैं तथा दोनों दिल्ली आबकारी नीति मामले की जांच करने वाली टीम का हिस्सा नहीं थे। अमनदीप ढल को आबकारी नीति मामले में ईडी ने एक मार्च को गिरफ्तार किया था। यह आरोप लगाया गया है कि ढल के पिता ने दिसंबर 2022 से वत्स को 50 लाख रुपये की किस्तों में 5 करोड़ रुपये की ‘‘रिश्वत” दी, ताकि अमनदीप ढल को आबकारी नीति मामले में ‘‘गिरफ्तारी और आरोपी बनाए जाने से बचाया जा सके।”

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि एजेंसी सीबीआई की नवीनतम प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए इन आरोपियों के खिलाफ पीएमएलए मामला दर्ज करने के बाद धन शोधन के आरोपों की जांच करेगी। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि दोनों आरोपी ईडी अधिकारी कथित तौर पर अवैध गतिविधियों में लिप्त थे। सूत्रों ने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई के लिए मामले को सीबीआई के पास भेजने का निर्णय ईडी के प्रमुख (निदेशक संजय कुमार मिश्रा) से मंजूरी लेने के बाद लिया गया। ऐसा संदेह है कि आरोपियों ने कथित तौर पर रिश्वत वसूलने के लिए आबकारी नीति मामले की जांच कर रहे वरिष्ठ अधिकारियों के नाम का दावा किया और उनका इस्तेमाल किया।

सूत्रों ने बताया कि सीबीआई जांच आगे बढ़ने पर एजेंसी दोनों अधिकारियों को निलंबित कर सकती है और ईडी दो अन्य आरोपियों के नियोक्ताओं-सीए वत्स के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) और सांगवान के लिए एअर इंडिया को भी पत्र लिख सकती है- ताकि उनके खिलाफ सेवा नियमों के तहत उचित कार्रवाई की जा सके। ईडी ने इन आरोपियों के खिलाफ ‘‘सूत्र से जानकारी” मिलने और मध्य दिल्ली में लक्जरी क्लेरिजेस होटल के पास स्थित पान की एक दुकान और पास की हल्दीराम स्नैक्स की दुकान पर उनकी बैठकों के बारे में जानकारी मिलने के बाद कार्रवाई की।

ईडी ने 4-5 जुलाई को विक्रमादित्य को छोड़कर सभी आरोपियों के परिसरों पर छापा मारा और 2,19,80,000 रुपये नकदी (कुल 5 करोड़ रुपये की कथित रिश्वत राशि का हिस्सा), 1,90,64,400 रुपये के आभूषण तथा एक बीएमडब्ल्यू कार जब्त की थी। ईडी अधिकारियों ने सांगवान के परिसर से 6 जनवरी को दिल्ली आबकारी नीति मामले में एजेंसी द्वारा दाखिल पूरक आरोप पत्र के 99 पेज बरामद किए और यह इंगित करता है कि वह वरिष्ठ ईडी अधिकारियों के नाम पर रिश्वत लेने में ‘‘शामिल” थे। एजेंसी ने खत्री के आवास से आबकारी नीति धन शोधन से संबंधित मामले पर एक ‘‘नोट” भी जब्त किया था।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…