संसद में चर्चा के बजाय महत्वपूर्ण विधेयकों में व्यवधान उत्पन्न कर रहा विपक्ष : अजय मिश्र टेनी…
लखीमपुर खीरी,। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री व स्थानीय सांसद अजय मिश्र टेनी ने विपक्ष पर संसद को नहीं चलने देने का आरोप लगाया है। रविवार को यहां जिला पंचायत सभागार में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि हमने सोंचा था और विपक्ष से हमें उम्मीद थी कि सकारात्मक विधेयकों में निश्चित रूप से अपनी भागीदारी करेंगे, परन्तु दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति रही कि जैसे-जैसे संसद का सत्र बढ़ा विपक्ष लगातार व्यवधान पैदा करने में लगा रहा।
केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ने बताया कि इस मानसून सत्र में राज्यसभा एवं लोकसभा में सांसदों ने 370 समेत जो भी मुद्दे उठाए, ऐसे बहुत से प्रश्नों का उत्तर दिया गया है। उम्मीद थी कि विपक्ष इस बार सकारात्मक चर्चा में शामिल होगा। दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि विपक्ष ने केवल अड़चने पैदा कीं। सत्र के दौरान बाधाएं पैदा करने की तथा देश की जनता को गुमराह करने के विपक्षी गठबंधन के विफल प्रयासों के बाद भी मोदी सरकार ने सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत को अमृत काल में ले जाने की दिशा में अपने कदमों को मजबूती से आगे बढ़ाया है।
संसद के मानसून सत्र में मणिपुर की स्थिति पर विपक्ष ने लगातार व्यवधान डाला है। जिसमें नारेबाजी, वेल में आना, वॉकआउट और महत्वपूर्ण कानून पर बहस में भाग न लेना शामिल था। राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील विषय को ताक पर देखते हुए, मणिपुर की स्थिति पर राजनीतिक लाभ उठाने के लिए विपक्ष के गठबंधन के प्रयास की देशभर में भर्त्सना की जा रही है। विपक्ष ने विधायी कार्यक्रम को रोककर इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए स्थगन प्रस्ताव के लिए कई नोटिस प्रस्तुत किए। संसद सत्र में अनियंत्रित आचरण, अध्यक्ष के निर्देशों का पालन करने में विफलता आदि के कारण विपक्ष के कई सांसदों के निलंबन किए गए। जिसमें आम आदमी पार्टी के राज्यसभा एवं लोकसभा सांसद, कांग्रेस, एआईटीसी के सांसद भी शामिल हैं।
अजय मिश्र ने कहा कि विपक्ष ने मणिपुर हिंसा मुद्दे पर चर्चा शुरू करने के लिए सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाया था। अविश्वास प्रस्ताव के दौरान मोदी सरकार के विभिन्न नेताओं ने सदन को संबोधित किया। अमित शाह एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी चर्चा में भाग लिया। प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान पूरे विपक्ष ने मणिपुर मुद्दे पर उनके बयान सुनने के बजाय वॉकआउट कर दिया।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार कानून, 1991 को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 संशोधित करता है। यह विधेयक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिल्ली में भ्रष्टाचार मुक्त शासन सुनिश्चित करेगा। मानसून सत्र 2023, निम्नलिखित कारणों से 2023 के सबसे सफल सत्रों में से एक रहा है। इस मानसून सत्र में प्रधानमंत्री ने 02 घंटे से ज्यादा एक-एक सवाल का जवाब दिया और मणिपुर के मुद्दे पर भी उन्होंने बहुत ही स्पष्ट रूप से जवाब दिया।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…