झांसी में धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया 77वां स्वतंत्रता दिवस…

झांसी में धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया 77वां स्वतंत्रता दिवस…

झांसी,। वीरांगना नगरी झांसी में मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस की 77वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनायी गयी और इसको लेकर आम लोगों में गजब का उत्साह देखने को मिला।
कलेक्ट्रेट में सुबह जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने ध्वजारोहण किया और इसके बाद दीनदयाल सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के संवाद कार्यक्रम को सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ साथ आम जन ने भी सुना।
इसके बाद मुख्य कार्यक्रम झांसी के दुर्ग पर आयोजित किया गया जहां जिलाधिकारी रविंद्र कुमार के साथ अन्य आला अधिकारियों ने ध्वजारोहण किया। इस दौरान सेना के बैंड ने राष्ट्रगान के साथ साथ अन्य देशभक्ति गीतों को बजाकर सुंदर प्रस्तुति दी। अधिकारियों ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शांति के प्रतीक के रूप में पांच कबूतरों को आसमान में छोड़ा साथ ही तिरंगे के तीन रंग वाले गुब्बारे में हवा में छोड़कर शांति और सौहार्द का संदेश दिया। इस दौरान बड़ीसंख्या में आम लोग किला परिसर में मौजूद रहे।
जिलाधिकारी ने स्वतंत्रता के लिए हुए संघर्ष की यादें ताजा करते हुए कहा कि झांसी के इस किले से महारानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दियेे थे। जब अंग्रेजों की सामान्य सेना झांसी की रानी के झंडे तले लड़ रही सेना से पार न पा सकी तो अंग्रेजों से अपने बेहद खतरनाक दस्ते को रानी के पीछे लगा दिया। यह दस्ता भी अपने मंसूबों में कामयाब न हो पाया और रानी इनकी पहुंच से दूर ही रहीं। अंत में रानी ने ग्वालियर के पास अपने प्राणों की आहुति दी
इसके बाद 90 साल तक विभिन्न स्वतंत्रता सेनानी अपने अपने तरीके से लड़ाई लड़ी और 15 अगस्त 1947 को आखिरकार आजादी मिली।
आज आजादी को मिले भी 76 साल हो चुके हैं। आजादी के 77वें साल में आज हम आजादी का अमृतकाल मना रहे हैं।इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कई अपेक्षाएं की हैं। इसी के तहत मेरी माटी मेरा देश 09 अगस्त से शुरू किया गया और फिर हर घर तिरंगा अभियान मनाया जा रहा है।
उन्होंने सभी सरकारी अधिकारियों से अनुरोध किया कि 1857 में महारानी लक्ष्मीबाई के साथ लड़ने वाले योद्धाओं के वंशजों के कोई भी काम यदि किसी विभाग में हों या लंबित हों तो उन्हें बिना देर किये ससम्मान शीघ्रतिशीघ्र पूरा किया जाए। गांव गांव में जो शिलापट्ट लगाये गये हैं उनमें देश के लिए सरहद पर अपनी शहादत देते वालों में यदि कोई स्थानीय व्यक्ति हो तो उनके नाम भी इस शिलापट्ट पर लगाये जाएं। पुलिस या सशस्त्र बलों के शहीदों के नाम भी इन शिलापट्टों पर लिखायें जाए।
उन्होंने बताया कि आज झांसी में लगभग साढ़े पंद्रह से सोलह लाख तक वृक्षारोपण किया जा रहा है इससे पहले 22 जुलाई को 84 लाख पौधा रोपण किया गया था। उन्होंने लोगों से कम से कम एक पौधा जरूर लगाने की अपील की साथ ही कहा कि तिरंगा का कहीं और किसी भी तिरंगे का अपमान न हो इसका ध्यान हम सभी रखें। यदि कहीं काेई तिरंगा असम्मानजनक स्थिति में दिख रहा है तो तुरंत उसे सम्मानजनक स्थिति में लाएं। यदि उसे संभालना संभव न हो तो उसे ससम्मान एकांत में जला दिया जाए। तिरंगे का इस्तेमाल किसी भी तरह के काम में न लाया जाए। तिरंगे का सम्मान हम सभी कर्तव्य है।
ध्वजारोहण के दौरान सुमधुर स्वर लहरियां बिखेरने वाले सेना के बैेंड को उन्होंने पूरे जिला प्रशासन की ओर से धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर झांसी विकास प्राधिकरण (जेडीए) उपाध्यक्ष आलोक यादव, जेडीए सचिव उपमा पाण्डेय, मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद, सिटी मजिस्ट्रेट वरूण पाण्डेय सहित अन्य आला अधिकारी मौजूद रहे।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…