म्यांमा में हत्या के वीडियो को मणिपुर की घटना के तौर पर दिखाने के आरोपियों को पकड़ने के प्रयास तेज…
इंफाल, 25 जुलाई । पड़ोसी देश म्यांमा में एक महिला की हत्या को मणिपुर की घटना के रूप में दिखाने संबंधी वीडियो प्रसारित करने के आरोपियों को आईपी एड्रेस की मदद से पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।
मणिपुर पुलिस ने यह जानकारी दी।
साइबर अपराध पुलिस थाने में इस ‘फर्जी खबर’ के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस वीडियो में म्यांमा में हथियारबंद लोग एक महिला की हत्या करते दिख रहे हैं।
पुलिस ने ट्वीट किया कि यह क्लिप दंगा भड़काने के लिए प्रसारित की जा रही है और फर्जी खबर फैलाने वालों को गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं।
पुलिस के मुताबिक, फर्जी खबर फैलाने पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। उसने बताया कि इस वीडियो में म्यांमा में हुई हत्या को मणिपुर की घटना के तौर पर दिखाया गया है।
पुलिस ने ट्वीट किया, ”सार्वजनिक शांति भंग करने, दंगा भड़काने और राज्य में कानून-व्यवस्था की गंभीर समस्या पैदा करने के इरादे से झूठी खबरें फैलाने के आरोपियों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं।”
‘फर्जी खबर’ संबंधी यह वीडियो ऐसे समय में प्रसारित हुआ है, जब कांगपोकपी जिले में चार मई को दो महिलाओं को भीड़ द्वारा निर्वस्त्र घुमाने का वीडियो 19 मई को सामने आया था और देशभर में इस घटना की कड़ी निंदा हो रही है।
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं तथा कई अन्य घायल हुए हैं।
राज्य में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे अधिकतर पर्वतीय जिलों में रहते हैं।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…