ऐसे दूर होगी खर्राटों की खर्र-खर्र…
जब हम खर्राटा लेते हैं तो हमारा मुंह और गला, जीभ, गले का ऊपरी हिस्सा, तालु और यूव्यल टॉन्सिल और कंठशूल के विरुद्ध वाइब्रेट होता है। खर्राटा लेने के कई कारण हो सकते हैं और ऐसा माना जाता है कि मोटे लोग अधिक खर्राटा लेते हैं लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार अतिरिक्त फैटी टिशूज एअर पैसेज को दबाने का काम करते हैं। सोने जाने से पहले अल्कोहल लेने से भी खर्राटों की समस्या हो सकती है। कोल्ड और एलर्जी के कारण यदि नाक बंद हो तो भी कई बार व्यक्ति खर्राटे लेते हैं।
कुछ साधारण उपायों के जरिए खर्राटों की यह समस्या दूर की जा सकती है…
-बिस्तर पर सोने के दौरान कुछ अतिरिक्त तकिओं के जरिए खुद को थोड़ा ऊपर उठाकर रखें। पीठ के बल समतल पर ना लेटें। इससे आपके गले के टिशूज एअर पैसेज को बाधित नहीं कर पाएंगे।
-अपने बेड के सिरहाने को थोड़ा ऊपर की ओर उठाकर रखें। इसके लिए बेड के हर पैर के नीचे थोड़े मोटे गुटके लगा दें। इससे बेड थोड़ा ऊंचा हो जाएगा और खर्राटों की समस्या में कमी आएगी।
-हमेशा करवट लेकर सोएं। गहरी नींद में हो सकता है आपकी पोजिशन बदल जाए लेकिन सोने की शुरुआत कम से कम करवट लेकर करें। सीधे सोने से आपकी जीभ और तालु, गले से हवा निकलने के रास्ते को रोकने का काम करते हैं।
-तकिए को पकड़कर सोने से अधिक लाभ नहीं मिलेगा। इससे बेहतर है कि आप जो भी कपड़े पहनकर सो रहे हैं उसके पिछले हिस्से में टेनिस बॉल सी दें। रात में गहरी नींद के दौरान जब आप अपने बैक पर सोने की कोशिश करेंगे तो बॉल की वजह से फिर करवट ले लेंगे।
-नेजल स्ट्रिप की मदद से अपनी नाक को बाहर की ओर से टेप कर दें। यह दवाओं की दुकान पर भी आसानी से मिल जाता है। यह आपकी नासिका छिद्र को खोल देगी और हवा का प्रवाह बेहतर होगा।
-पिपरमेंट माउथवॉश से कुल्ला करें, इससे गले और नाक में मौजूद लाइनिंग सिकुड़ जाएगी। यह उस स्थिति में अधिक कारगर हो सकता है जबकि आपके खर्राटे की समस्या अस्थाई हो। हर्बल गारगलिंग के लिए एक ग्लास ठंडे पानी में कुछ बूंदे पिपरमेंट ऑयल की डालें।
-कमरे में एलर्जी पैदा करने वाली चीजों को नियमित रूप से साफ करते रहें, जैसे कमरे में बिछा कारपेट, चादर और तकिए का कवर। इससे नाक का कड़ापन कम होगा।
-यदि आपके खर्राटों की समस्या मौसमी है तो उस खास मौसम में एलर्जी का ध्यान रखें। इस दौरान रोजाना हर्ब्स युक्त चाय पिएं। इससे सूजन कम करने में मदद मिलती है।
-कई बार अधिक वजन भी खर्राटों का कारण बनता है इसलिए शरीर का दस प्रतिशत तक वजन कम करने से ऊपरी एअरवेज के सिकुड़न को कम करने में मदद मिलेगी।
-धूम्रपान की आदत हो तो उसे तुरंत छोड़ दें। इससे म्युकस मेब्रेंन में असहजता होती है, जिससे गले में सूजन होती है एअरवे सिकुड़ जाता है। साथ ही धूम्रपान करने वालों को नाक बंद होने की समस्या अधिक होती है।
-यदि आप कोई खास दवा ले रहे हैं तो अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करें। क्योंकि कुछ दवाओं के कारण खर्राटों की समस्या और भी बिगड़ जाती है। जैसे स्लीपिंग पिल्स।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…