गोरखपुर/उत्तर-प्रदेश डीडीओ व एआरटीओ निलंबित…

गोरखपुर/उत्तर-प्रदेश डीडीओ व एआरटीओ निलंबित…

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का संदेश फिर दिया है। शुक्रवार को उन्होंने चार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई कर 43.95 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता में फंसे लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता आलोक रमन को बर्खास्त किया है, जबकि छह जिला विकास अधिकारी और परिवहन विभाग के तीन अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश दिए हैं।

मुख्यमंत्री कार्यालय से कार्रवाई के संबंध में शुक्रवार को ट्वीट किया गया। जानकारी के मुताबिक, प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग बस्ती के तत्कालीन अधिशासी अभियंता आलोक रमन पर 43.95 करोड़ रुपये के अनधिकृत व्यय का आरोप था। जांच में आरोप सही पाए जाने पर आलोक को निलंबित कर मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया था। करोड़ों की वित्तीय अनियमितता साबित होने पर मुख्यमंत्री ने अब आलोक रमन को बर्खास्त करने के आदेश दिए हैं। साथ ही निर्देश दिए हैं कि आलोक के कृत्य की वजह से किसी प्रकार की शासकीय क्षति हुई हो तो उसकी वसूली भी उनसे की जाए।

नियुक्ति के फर्जीवाड़े में घिरे छह डीडीओ

मुख्यमंत्री ने ग्राम विकास अधिकारी पद पर नियुक्ति में नियमों की अवहेलना के आरोप में छह तत्कालीन जिला विकास अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश दिए हैं। इनमें बदायूं के अनिल कुमार, शाहजहांपुर के सतीश प्रसाद मिश्र, सिद्धार्थनगर के राजेंद्र प्रसाद, बलरामपुर के गिरीश कुमार पाठक, लखीमपुर खीरी के अरविंद कुमार और कासगंज में तैनात रहे एसएन श्रीवास्तव हैं। बताया गया है कि उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने ग्राम विकास अधिकारी के पद पर पंद्रह भूतपूर्व सैनिकों की नियुक्ति की संस्तुति की थी। उसके बाद इन जिला विकास अधिकारियों ने योग्यता और अर्हता परीक्षण किए बिना प्रशिक्षण कराने के बाद नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए। इस मामले में आरोपों की जांच के लिए मुख्यमंत्री ने ग्रामीण सड़क अभिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को जांच सौंपी है। वहीं, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तत्कालीन अधिकारियों के संबंध में भी रिपोर्ट तलब की है।

कई परिवहन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई

इसी तरह सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) वाराणसी सर्वेश सिंह और वर्तमान में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) तृतीय दल गाजियाबाद के रूप में तैनात वाराणसी के तत्कालीन एआरटीओ प्रशासन अमित राजन राय भी अनियमितता में फंसे हैं। इन दोनों पर झारखंड का फर्जी पंजीयन प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर वाहनों की चेचिस पर बॉडी बनाकर पंजीयन कराने, फिटनेस फीस जमा न कराने और वाहनों का निरीक्षण प्रपत्रों के प्रस्तुतीकरण के समय से न करने के आरोप हैं। वहीं, अंबेडकर नगर के एआरटीओ प्रशासन कैलाशनाथ सिंह ड्राइविंग लाइसेंस जारी करते समय विधिक प्रक्रियाओं का पालन न करने के आरोपित हैं। परिवहन विभाग के इन तीनों अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश योगी आदित्यनाथ ने दिए हैं।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…