नीलगिरि की पहाड़ियों में बसी है जन्नत, ऐसे जाएं घूमने…
पर्यटन के लिहाज से दक्षिण भारत की खूबियां कुछ अलग ही रंगों से सराबोर नजर आती हैं। विशेषकर वहां का प्राकृतिक सौंदर्य हर किसी का मन मोह लेता है। अगर आप ऐसे ही किसी खूबसूरत हिल स्टेशन की यात्रा करना चाहते हैं तो तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक की सामाओं को स्पर्श करते रेड हिल्स के नाम से मशहूर नीलगिरि की पहाड़ियों का रुख कर सकते हैं।
बहुत कुछ है खास
ऊटी से 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है रेड हिल्स। रेड हिल्स में कई सुंदर झीलें हैं, जैसे-एमेराल्ड, एवलांश, अपर भवानी, पार्संस वैली लेक और पोर्तिमुंड। बैंग्लुरु से 310 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस हिल स्टेशन को नीलगिरि के नाम से भी जाना जाता है।
नीलगिरि की वादियों में मीलों तक घने जंगल हैं। यहां की वायु शुद्ध है। यहां भरपूर प्राकृतिक सुंदरता देखने को मिलती है। मीलों तक फैली पर्वत श्रंखलाएं और हरियाली से भरे रेड हिल्स को यह नाम अंग्रेजों ने इंग्लैंड की एक ऐसी ही जगह की याद में दिया था।
यहां आठ झीलें हैं, जो रेड हिल्स की खूबसूरती में इजाफा करती हैं। रेड हिल्स के तकरीबन 25 किलोमीटर के दायरे में फैली इन सभी झीलों को देखना एक अनोखा अनुभव देता है। जंगलों में पक्षियों की चहचहाट हो सुनना और भी आनंददायक लगता है। इन झीलों में ट्राउट मछलियों का शिकार भी किया जा सकता है।
मुखुर्ती नेशनल पार्क
रेड हिल्स से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नेशनल पार्क पोर्तिमुंड झील के पास है। यहां जाने के लिए वन विभाग से अनुमति लेनी पड़ती है। यहां सांभर, हिरण, शेर और दूसरे जंगली जानवरों को देखा जा सकता है। नेशनल पार्क में पहले कई ट्रैकिंग टेल्स और रेट हाऊसिस बने थे। ऐमराल्ड या एवलांश में 1950 में बना हाईड्रोलिक पावर स्टेशन भी देखा जा सकता है।
झीलों का मोहक सौंदर्य
इस क्षेत्र में मौजूद इन सभी आठ झीलों का स्वच्छ जल मन को अद्भुत शांति देता है। एमेराल्ड, एवलांश, अपर भवानी, पार्संस वैली लेक, पोर्तिमुंड वेस्टर्न कैचमेंट में रेड हिल्स के चारों ओर ऊंचे स्थानों पर स्थित हैं। जिन पर अकसर छाए रहने वाले बादल विचित्र आकार के आईने लगते हैं। यहां काफी बारिश होती है, जिनसे ये झीलें हमेशा लबालब भरी रहती हैं।
पार्संस वैली लेक
रेड हिल्स से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह झील ऊटी और उसके आस-पास के गांवों के लिए जल मुहैय्या कराती है। इन रास्तों पर दूर–दूर तक फैली वादियों की गोद में अकेले पैदल चलने का आनंद आप कभी भुला नहीं पाएंगे।
एवलांश
एमेराल्ड से 13 किलोमीटर दूर एवलांश एक ऐसा गांव है, जहां नीलगिरि की सबसे पुरानी जनजातियों में से एक टोडा जनजाति के लोग रहते हैं। एवलांश में तकरीबन 100 वर्ष पुरानी ट्राउट मछली की हैचरी भी है। पार्संस वैली लेक के खुले हुए घास के मैदान और हरे जंगलों का अपना अलग ही आकर्षण है।
एडवेंचरस एक्सपीरियंस
यदि आप अपनी यात्रा को एडवेंचरस बनाना चाहते हैं तो ऐमराल्ड एवलांश लेक के ट्रैक पर घूम-फिर सकते हैं। नीलगिरि में रेड हिल की चोटियों में यह चौथी सबसे लंबी फैली पहाड़ी है। यहां ट्रैकिंग की जा सकती है। ट्रैकिंग करते हुए यहां दूर–दूर तक फैले चाय के बागान का नजारा बेहद मनमोहक नजर आता है। इन्हीं चाय के बागानों से रास्ता निकलकर ऐमराल्ड लेक की तरफ जाता है।
कहां ठहरें
रेड हिल्स में ठहरने के लिए रेड हिल्स नेचर रिसॉर्ट एक ऐसा रिसॉर्ट, जो 7000 फीट ऊंची चोटी पर स्थित है। ऐमराल्ड लेक और उसके पीछे के पहाड़ों पर तकरीबन ढाई एकड़ में फैले चाय बागान इसे अलग खूबसूरती देते हैं। यदि आपको चाय पसंद हो तो आप इस रिजॉर्ट से ऊटी के बागानों की चाय भी खरीद सकते हैं।
कैसे पहुंचें
यहां का निकटतम हवाई अड्डा, कोयंबटूर (116 किमी) है। एयरपोर्ट से तीन घंटे की सड़क यात्रा से आप यहां पहुंच सकते हैं। टैक्सी द्वारा रेड हिल्स तक लगभग 1,800 रुपये, ऊटी से टैक्सी में करीब 450 रुपए लग सकते हैं। यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन भी कोयंबटूर ही है। सड़क मार्ग से बैंगलुरु से एकदम सुबह निकल कर दोपहर तक ऊटी पहुंच सकते हैं। ऊटी से टैक्सी द्वारा आसानी से रेड हिल्स पहुंच सकते हैं।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…