खुद को दिल्ली का उपराज्यपाल बताने के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज…
नई दिल्ली, 28 जून। दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ ने खुद को दिल्ली का उपराज्यपाल (एलजी) वी. के. सक्सेना बताने के आरोप में एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के सतर्कता विभाग द्वारा दर्ज की गई एक शिकायत के आधार पर 25 मई को प्राथमिकी दर्ज की गई, जिसमें आरोप लगाया गया था कि एक व्यक्ति ने 23 मई को ‘व्हाट्सएप’ पर उसके दो अधिकारियों से संपर्क किया था।
प्राथमिकी के अनुसार, सतर्कता विभाग के दो अधिकारियों को पहले एक अज्ञात नंबर से ‘व्हाट्सएप’ पर फोन आया और फोन करने वाले ने खुद को उपराज्यपाल सक्सेना बताया। यह सुनकर अधिकारी हैरान रह गए और फोन काट दिया। फोन करने वाले ने ‘व्हाट्सएप’ पर सक्सेना की तस्वीर (डिस्प्ले पिक्चर में) लगा रखी थी।
आरोपी ने दोनों अधिकारियों को संदेश भी भेजे जिसमें लिखा था, ‘‘हाय, मैं दिल्ली का एलजी विनय कुमार सक्सेना हूं।”
मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि उस व्यक्ति का इरादा इन अधिकारियों को डराना और किसी न किसी बहाने से पैसे की मांग करना था, लेकिन अधिकारी सतर्क थे और उसके झांसे में नहीं आए। उन्होंने तुरंत अपने वरिष्ठों को मामले की सूचना दी और विभाग को भी सतर्क किया।”
उन्होंने बताया कि इस संबंध में भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अधिकारियों के मुताबिक, ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें जालसाजों ने इस तरीके का इस्तेमाल कर लोगों को ठगा है।
साइबर अपराध प्रकोष्ठ के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ये अपराधी सोशल मीडिया मंचों से लोगों की तस्वीरें लेते हैं और उन्हें अपने व्हाट्सएप डीपी (डिस्प्ले पिक्चर) में लगाते हैं। फिर ये अपराधी इन लोगों के रिश्तेदारों, दोस्तों और परिवार के सदस्यों को फोन करते हैं और किसी आपात स्थिति का हवाला देकर पैसे की मांग करते हैं।”
उन्होंने कहा, ‘‘कई लोग इस जाल में फंस जाते हैं और इन अपराधियों को ऑनलाइन पैसे भेजे देते हैं। हमने कई मामले दर्ज किए हैं और उनमें से कुछ को गिरफ्तार भी किया गया है।”
अधिकारी ने कहा, ‘‘हम जनता को ऐसे मामलों को लेकर जागरूक कर रहे हैं और उन्हें इन अपराधियों के तौर-तरीकों के बारे में बता रहे हैं। लोगों को इन दिनों बहुत सावधान रहने की जरूरत है।”
अधिकारी के अनुसार, ऐसे अपराधियों का पता लगना बेहद मुश्किल है क्योंकि वे फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर मोबाइल ‘सिम कार्ड’ लेते हैं और बैंक में खाते खोलते हैं।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…