बेहतर भविष्य का द्वार है मैनेजमेंट की शिक्षा…

बेहतर भविष्य का द्वार है मैनेजमेंट की शिक्षा…

मैनेजमेंट अथवा प्रबंधन का क्षेत्र दिन-प्रतिदिन युवाओं के लिए भविष्य के द्वार खोलता दिखायी पड़ रहा है। जिस तेजी से भारत वर्ष सहित पूरी दुनिया में कंपनियों का काम विस्तार रूप ले रहा है, उसी तेजी के साथ इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी ग्राफ को ऊंचाई प्रदान कर रहे हैं। प्रबंध का वास्तविक अर्थ किसी भी कार्य को दक्षता के साथ उसके निर्धारित लक्ष्यों तक पहुचाना ही है।

वर्तमान समय प्रतियोगी युग के रूप में जाना, जाता है। यहीं कारण है कि औद्योगिक इकाई से लेकर शिक्षा और मेडिकल तथा इंजीनियरिंग में भी ऐसे लोगों की मांग बढ़ गयी है जो अपने काम को पूर्ण दक्षता के साथ कर सकें। कंपनी चलाने वाले संस्थापकों की योग्य प्रबंधकों की मांग के चलते ही प्रबंध शिक्षा का क्षेत्र भी काफी तेजी के साथ विकास कर रहा है। अब कक्षा बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाला विद्यार्थी सिंपल ग्रेजुएशन की ओर न जाकर सीधे प्रबंधकीय शिक्षा की ओर कदम बढ़ाना चाहता है। परिणाम् स्वरूप प्रबंधन शिक्षा में एम.बी.ए. करने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है।

अलग-अलग हैं शाखाएं
किसी भी विषय में स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों के लिए एम.बी.ए. की उपाधि प्राप्त करना गौरवशाली कदम माना जा रहा है। साथ ही इस पाठ्यक्रम के द्वारा रोजगार की सुगमता ने भी युवाओं को आकर्षित किया है। जैसे-जैसे नयी कंपनियॉ अस्तित्व में आ रही है वैसे-वैसे उन कंपनियों के कार्य को आगे बढ़ाने एवं उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए प्रबंधन के विशेषज्ञों की मांग भी बढ़ रही है। अब तो यह भी देखा जा रहा है कि इंजीनियरिंग की उपाधि प्राप्त लोग भी अपने प्रमोशन के लिए एमबी.ए. कर रहे हैं।

प्रबंधन के क्षेत्र में शिक्षा का विस्तार अलग-अलग पाठ्यक्रम के रूप में सामने लाया जा रहा है। एक स्नातक उपाधि प्राप्त छात्रध्छात्राएं विपणन प्रबंध के साथ ही, उत्पादन प्रबंध, विज्ञापन प्रबंध, वित्त प्रबंध, आपदा प्रबंध के क्षेत्र में अपना भविष्य उज्ज्वल बना सकते हैं। प्रबंध की उक्त शाखाओं में उपाधि प्राप्त करने से पूर्व इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि आप किसी ऐसे संस्थान का चयन करें जो इस प्रकार की शिक्षा में अग्रणी स्थान रखता हो। पाठ्यक्रम की बढ़ती मांग और विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अनेक अवसरवादी संस्थाएं कोर्स का भ्रम पैदा कर ऐसी उपाधियां दे रही हैं, जिनकी प्रबंधन के क्षेत्र में मान्यता नही है। अतः कोर्स के चयन के साथ ही संस्था का चयनभी काफी चुनौतीपूर्ण काम हो सकता है।

कठिन नहीं है – प्रवेश परीक्षा
बिना प्रवेश परीक्षा के मैनेजमेण्ट की शाखाओं में प्रवेश देकर उपाधियां बांटने वाली संस्थाओं से दूर रहते हुए प्रवेश प्रक्रिया को अपनाने वाली संस्थाओं का चयन ही किया जाना चाहिए। भारत वर्ष में ऐसे अनेक विश्वविद्यालय एवं संस्थाएं कार्यरत हैं जहां से उपाधि ली जा सकती है। कानूनन उपाधि प्राप्त करने के लिए विद्यार्थियों को ऐसी संस्थाओं से जुडना चाहिए जो आईआईएम के तहत केट तथा अन्य टेस्ट के माध्यम् से प्रवेश प्रक्रिया को सम्पन्न करती है। ऐसी संस्थाओं में कामन टेस्ट के उपरांत साक्षात्कार (इन्टरव्यू) तथा समूह चर्चा (ग्रुप डिस्कशन) का आयोजन भी किया जाता है।

यह भी समझने वाली बात है कि आई आई एम किसी भी विषय में स्नातक उपाधि धारक युवक-युवतियों को केट की परीक्षा पास करने के उपरांत ही साक्षात्कार एवं ग्रुप डिस्कशन में आमंत्रित करता है। यह भी सर्व विदित है कि भारत वर्ष में सर्वोच्च वरीयता प्राप्त आई आई एम ही मेनेजमेण्ट की स्नातकोत्तर शिक्षा प्रदान करती है। भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान तथा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जैसी शिक्षा जगत की प्रतिष्ठित संस्थाएं इंजीनियरिंग स्नातकों को एम.बी.ए. में प्रवेश देती है। एम.बी.ए. में प्रवेश के लिए प्रतिवर्ष अक्टूबर-नवंबर में प्रवेश परीक्षा (कैट) कॉमन एडमिशन टेस्ट होती है। आई.आई.टी. के वर्तमान तथा पूर्व छात्रों को आई.आईटियन कहा जाता है।

कैसी होती है परीक्षा?
आई आई एम कैट की परीक्षा भी दो भागों में आयेजित की जाती है। इन दोनों मुख्य भागों के माध्यम् से परीक्षा में शामिल होने वाले परिक्षार्थीयों की क्वांटीटेटिव्ह एबिलिटी, मौखिक योग्यता, तर्क शक्ति, डेटा इन्टरप्रेटेशन आदि योग्यता का परीक्षण किया जाता है। परीक्षार्थी कुल सत्तर मिनट की समयावधी में लगभग एक सौ पचास प्रश्नों के उत्तर देते है। क्वालीफाइनिंग के तौर पर ली गयी उक्त परीक्षा में प्राप्त अंक परीक्षार्थी के लिए एक वर्ष तक के लिए मान्य होते है। परीक्षा में बैठने वाले इच्छुक विद्यार्थी उक्त महत्वपूर्ण परीक्षा की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते है। किसी विषय में स्नातक स्तर पर कम से कम पचास प्रतिशत अंक प्राप्त विद्यार्थी ही कैट की परीक्षा में शामिल हो सकते है। शासन के नियमानुसार अनुसूचित जाति और जनजाति के अभ्यर्थियों को पांच प्रतिशत की छूट प्रदान की जाती है। कैट परीक्षा पास करने की इच्छा से लबरेज ऐसे लोग भी परीक्षा में सम्मिलित हो सकते हैं जो स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षा दे चुके हैं तथा परीक्षा परिणाम् का इंतजार कर रहे है। कैट की परीक्षा में सफलता मिल जाने के बाद चयन का आधार रैकिंग पर निर्भर करता है, जिसमें मुख्य रूप से साक्षात्कार समूह चर्चा को अतिरिक्त योग्यता के रूप में आंका जा सकता है। चयनीत विद्यार्थियों को आई.आई.एम. दो वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा की उपाधि प्रदान करता है। प्रति शैक्षणिक सत्र में कुल 360 विद्यार्थियों को प्रवेश की पात्रता दी जाती है।

इन विषयों की होती है पढ़ाई
कैट परीक्षा में योग्यता प्राप्त विद्यार्थियों को विशेष रूप से दो विषयों में विषय योग्यता प्राप्त करने हेतु प्रदान की जाती है। जहां तक विषयों की बात की जाये मुख्य रूप से फायनेंस (वित्त), कन्ट्रोल एवं एकाउन्टिंग, क्वांटिटेटिव्ह मैथ्स एवं आपरेशनल मैनेजमेण्ट, जनरल मैनेजमेण्ट, मार्केटिंग, इंन्फर्मेशन-टेक्नालॉजी एवं सिस्टम स्टे्रटेजी, आर्गेनाईजेशनल बिहैवियर एण्ड ह्यूमैन रिसोर्स, मैनेजमेण्ट एवं इकानामिक्स में से चयन जरूरी होता है। आई.आई.एम. डिग्री-डिप्लोमा धारी विद्यार्थियों को काम उपलब्ध कराने देश-विदेश की प्रतिष्ठित कंपनियां प्रतियोगी रूप में कैम्पस इन्टरव्यू के लिए पहुचती रहती है। आई.आई.एम. का दो वर्षीय डिप्लोमा एम.बी.ए. से कहीं अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।

इन संस्थाओं से ली जा सकती है उपाधि
आई.आई.एम. की उच्च स्तरीय मान्यता प्राप्त उपाधि के लिए विद्यार्थियों को नामचिन संस्थाओं में प्रवेश लेना चाहिए। इन संस्थाओं में मुख्य रूप से जमनालाल बजाज इन्सटीड्यूट ऑफ मैनेजमेण्ट स्टडीज मुम्बई, आई.सी.एफ.एल. बिजनेस स्कूल हैदराबाद आदि निजी क्षेत्र में कार्यरत मुख्य संस्थाएं है। इसी तरह तकनीकी प्रबंधन की दृष्टि से आई.आई.टी. बेहतरीन शिक्षण संस्थान है। एम.जे.मेहता स्कूल ऑफ मैनेजमेण्ट मुम्बई, विनोद गुप्ता स्कूल ऑफ मैनेजमेण्ट खडगपुर सर्वोत्तम माने जाते हैं। इंडस्ट्रीयल मैनेजमेण्ट के लिए एम.बी.ए. की डिग्री हेतु आई.आई.टी. कानपुर में प्रवेश लिया जा सकता है। आई.आई.टी. द्वारा फायनेन्स, मार्केटिंग, ह्यूमेन रिसोर्स मैनेजमेण्ट तथा इन्फरर्मेशन टेक्नालॉजी पर आधारित एम.बी.ए. कोर्स की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। रोजगार के साथ सुनहरे भविष्य के लिए प्रबंधन के क्षेत्र में युवाओं को आगे लाने स्कूली पाठ्यक्रम से ही व्यवस्था प्रदान की जानी चाहिए। इस मामले में कामर्स विषय का चयन छात्र-छात्राओं को आसान राह प्रदान कर सकता है। जरूरत इस बात की है कि विद्यार्थी विषय की गंभीरता को समझें और स्वयं के उज्ज्वल मार्ग के लिए सदैव प्रयासरत् रहें।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…