लखनऊ।हिन्द वतन समाचार…
रायबरेली मे रंगदारी वसूलने वाले गिरोह का भंडाफोड़, पांच गिरफ्तार…
पश्चिमी यूपी में दहशत का पर्याय बने बवाना गैंग की तर्ज पर जिले में भी पैसे वालों को धमका और डराकर रंगदारी वसूलने वाले गिरोह का सोमवार को राजफाश हो गया। एक मुठभेड़ के दौरान शहर कोतवाली और सर्विलांस-स्वाट टीम ने पांच युवकों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से चार लाख रुपये, मोबाइल और अवैध शस्त्र बरामद हुए हैं। एसपी ने सराहनीय कार्य करने वाली टीम को 15 हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया है।बीते दिनों लखनऊ एसटीएफ को रायबरेली शहर के एक बड़े व्यापारी की ओर से बताया गया था कि इंटरनेट कॉङ्क्षलग के जरिए कुछ लोग उससे अवैध तरीके से एक करोड़ रुपये मांग रहे हैं। इस जानकारी पर एसटीएफ सक्रिय हुई। उसने रायबरेली के आला अफसरों से संपर्क किया। उसके बाद एसपी ने पूरे मामले को शहर कोतवाल और सर्विलांस व स्वाट टीम के सिपुर्द कर दिया। फिर पुलिस टीम उस व्यापारी के संपर्क में आ गई और सर्विलांस व अन्य सुरागरशी के तौर तरीकों से बदमाशों की टोह लेने लगी। इस दौरान करीब 20 दिन बीत गए। लेकिन, इतने ही दिनों में पुलिस को रंगदारी मांगने वाले और उनके ठौर ठिकाने, मोबाइल पर बातचीत सबकुछ हासिल हो गया।रविवार की रात शहर के गोंडवा गदियानी गांव में निर्माणाधीन जिला महिला कारागार के पास पुलिस ने घेराबंदी करके गिरोह के पांच युवकों अनुज यादव निवासी तिलक नगर, शहर कोतवाली, शुभम यादव निवासी कल्लू का पुरवा, मिल एरिया, सतीश यादव और अंकुश यादव निवासी जरवला थाना भदोखर व रमेश कुमार यादव निवासी पदमपुर बिजौली थाना डीह को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से चार लाख रुपये भी बरामद किए गए हैं, जो कि व्यापारी द्वारा इन्हें दिए गए थे। इस राजफाश में चार दारोगा समेत 16 सिपाहियों की अहम भूमिका रही।पुलिस अधीक्षक स्वप्निल ममगाईं नेे बताया कि प्रदेश के पश्चिमी हिस्से के बवाना गैंग की तरह ये गिरोह भी रायबरेली रंगदारी मांगकर दहशत फैलाना चाहता था। शहर के एक बड़े व्यापारी से रंगदारी मांगने की सूचना मिली, जिसके बाद पुलिस टीमें सक्रिय कर दी गईं। हमने जल्द ही सफलता प्राप्त कर ली। पांच बदमाशों को जेल भेजा गया है, जो इस गिरोह को चला रहे थे।पांच युवक अपराध की दुनिया में बड़ा नाम कमाने निकले थे। अंदाज भी उनके बेहद शातिराना और हाईटेक रहे। मोबाइल में एप डाउनलोड कर इंटरनेट कॉलिंग के जरिए एक करोड़पति शख्स तक पहुंच बनाई। फिर अलग-अलग जगहों पर बुलाते रहे और आखिर में चार लाख रुपये वसूल भी लिए। लेकिन, जब वे पकड़े गए तो उनके पास देसी अद्धी बंदूक और सामान्य मोबाइल ही बरामद हुआ। वे लगातार 20 दिन तक पुलिस को छकाते रहे, लेकिन खाकी का इशारा देख-देखकर व्यापारी भी हर बात मानता गया। और फिर एक बड़ा गैंग दबोच लिया गया।वाकया 20 जनवरी का है। शहर के एक प्रतिष्ठित उद्यमी / व्यापारी के फोन पर कॉल आई। जिसमें एक करोड़ रुपये रंगदारी मांगी गई। फोन आते ही पूरे परिवार के होश उड़ गए। लोहे का कारोबार करने वाले रसूखदार ने पहले तो कुछ ले देकर मामला सुलटाने की बात सोची। लेकिन, उनके शुभङ्क्षचतकों ने मामले को जिम्मेदार पुलिस अफसरों तक ले जाने की सलाह दी। फिर ये सारी जानकारी पुलिस अधीक्षक स्वप्निल ममगाईं को मिली। चूंकि शहर के व्यापारी से जुड़ा मामला था।ऐसे में शहर कोतवाल को इस बड़े ऑपरेशन की जिम्मेदारी सौंपी गई। वैज्ञानिक तरीके से हर चीज पारदर्शी और स्पष्ट रहे, इस नाते सर्विलांस टीम को भी साथ लगाया गया। दोनों दस्ते व्यापारी के हमराह हो लिए। चौबीसों घंटे उनकी सुरक्षा सहित पूरे हालात की निगरानी होने लगी। इस दौरान बदमाशों ने जब-जब, जहां-जहां पैसा लेकर बुुलाया, उद्यमी खुद ड्राइवर (सादे कपड़ों में पुलिस) को लेकर पहुंचते रहे। उनका हर इशारा मानते गए। नतीजतन गांव, गिरांव के युवक जो बड़ा बदमाश बनने निकले थे, वे जेल पहुंच गए।पुलिस ने जब कॉल ट्रेस की। सारी चौसर बिछाई तो उनके सिर भी चकरा गए। क्योंकि व्यापारी को जो पहली कॉल आई थी, उसकी लोकेशन पोलैंड दिखा रही थी। ऐसे में फिर दूसरी कॉल का इंतजार किया गया। इस दफा हॉलैंड। उसके बाद इंग्लैंड से कॉल की लोकेशन मिली। अब पुलिस ने ये पता करना शुरू किया कि ये विदेशों से कॉल कैसे आती है। तो जानकारी मिली की एक खास एप को डाउनलोड कर बदमाशों ने कॉल की थी।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…