जी-20 की बैठक के पहले जम्मू में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी, भारत-पाकिस्तान सीमा पर गश्त तेज…

जी-20 की बैठक के पहले जम्मू में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी, भारत-पाकिस्तान सीमा पर गश्त तेज…

जम्मू, । श्रीनगर में 22 मई से शुरू होने वाली जी-20 की बैठक के मद्देनजर जम्मू और आसपास के सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गयी है। सुरक्षाबल पूरे इलाके में तलाशी अभियान के साथ ही सभी रास्तों पर वाहनों की चेकिंग की जा रही है। जम्मू शहर में पुलिस की विशेष टीमों की तैनाती की गई साथ ही भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गश्त तेज कर दिया गया है।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि जम्मू शहर के हर चौक और शहर या भीड़भाड़ वाली जगहों की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर वाहनों की चेकिंग तेज की जा गई है। जम्मू पुलिस की विशेष टीमें (सीआरटी) दस्तावेज और वाहनों की पहचान की जांच बहुत सावधानी से कर है। उन्होंने कहा कि सीआरटी टीम के साथ उच्च तकनीक वाले वाहन को व्यस्त विक्रम चौक चेक प्वाइंट पर तैनात किया गया है, जहां तवी नदी और व्यस्त बाजार स्थानों और भीड़ भरी सड़कों की स्थिति पर नजर रखने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि बीएसएफ जम्मू की अखनूर तहसील, सांबा और कठुआ जिलों में पाकिस्तान की सीमा से सटे इलाकों और जल क्षेत्रों में अपनी गश्त कर रही है। बीएसएफ के जवान भारत-पाक सीमा पर नजर रखने के लिए अखनूर में चिनाब नदी में दिन-रात गश्त कर रहे हैं। इसी तरह पालनवाला, कानाचक, आरएस पुरा, सुचेतगढ़, रामगढ़, सांबा, हीरानगर और कठुआ सीमा क्षेत्रों से अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गश्त तेज कर दी गई है।

उन्होंने बताया कि एसएसपी रियासी अमित गुप्ता ने जी-20 की बैठक से पहले वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा के लिए एक सहायक मल्टी-एजेंसी सेंटर (एसएमएसी) की बैठक आयोजित की, जहां विभिन्न सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों ने जिला रियासी में सक्रिय एक दूसरे के साथ जानकारी साझा की। विशेष रूप से जिला राजौरी में हाल ही में हुए आतंकी हमले और रियासी में इसके प्रभाव, वर्तमान में आतंकियों की उपस्थिति के तहत कानून व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई।

पुलिस अधिकारी ने बैठक में वर्तमान गतिशीलता और आतंकवाद के पुनरुद्धार, ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) पर निगरानी, आत्मसमर्पण करने वाले आतंकियों, रियासी से लापता युवाओं और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में उनकी मौजूदगी और समाज में युवाओं के कट्टरपंथ पर नजर रखने पर चर्चा हुई। जिले में सभी राष्ट्र-विरोधी और असामाजिक तत्वों पर निगरानी के लिए सेना, सीआरपीएफ, पुलिस और खुफिया एजेंसियों की सुरक्षा एजेंसियों को जिले में सक्रिय सभी सहयोगी एजेंसियों के बीच कार्रवाई योग्य जानकारी को समय पर साझा करने पर जोर दिया गया। अधिकारी ने कहा कि बैठक का उद्देश्य सभी एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय और सहयोग था।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…