दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रीष्मकालीन कार्य योजना शुरू की…
नई दिल्ली, 01 मई । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गर्मी के महीनों के दौरान वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सोमवार को एक कार्य योजना शुरू की। इसमें धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
दिल्ली सरकार के पास वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए पहले से ही शीतकालीन कार्य योजना है। शीतकालीन योजना में पराली जलाने, पटाखों से होने वाले प्रदूषण और औद्योगिक एवं वाहनों से होने वाले उत्सर्जन पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि ग्रीष्मकालीन योजना में 30 सरकारी विभागों की भागीदारी शामिल है। उन्होंने बताया कि कार्य योजना का प्राथमिक ध्यान धूल प्रदूषण पर है, जो शहर की बिगड़ती वायु गुणवत्ता में प्रमुख तौर पर जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा, ‘‘इससे निपटने के लिए सरकार ने सड़क की यांत्रिक सफाई करने वाली 84 मशीन, पानी का छिड़काव करने वाली 609 मशीन और 185 सचल एंटी-स्मॉग गन खरीदी हैं। इसके अलावा, स्थिति को और बेहतर बनाने के लिए सड़क की यांत्रिक सफाई करने वाली 70 एकीकृत मशीन और पानी का छिड़काव करने वाली 250 एकीकृत मशीनें भी खरीदी जा रही हैं।’’
धूल प्रदूषण, खुले में कूड़ा जलाने और औद्योगिक क्षेत्रों में कूड़ा डालने पर अंकुश लगाने के लिए गश्ती दल गठित किये गए हैं। सरकार शहर में धूल प्रदूषण की निगरानी के लिए दिन और रात के दौरान क्रमशः 225 और 159 टीमों को तैनात करेगी।
अधिक प्रदूषण वाले 13 स्थानों पर अलग अलग अध्ययन किए जाएंगे और इनमें से प्रत्येक स्थान पर एक सचल वायु प्रयोगशाला तैनात की जाएगी। धूल प्रदूषण पर अंकुश के लिए 500 वर्ग मीटर से बड़े निर्माण स्थलों पर कड़ी नजर रखी जाएगी।
केजरीवाल ने कहा कि सरकार ने कचरा स्थलों पर आग की घटनाओं को रोकने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि औद्योगिक कचरे के वैज्ञानिक निस्तारण के लिए भी योजना तैयार की जा रही है।
केजरीवाल ने कहा कि एक जगह से निकालकर अन्य किसी जगह पर लगाये गए पेड़ों के बचे रहने की दर में सुधार के लिए एक विशेष टीम का गठन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति में सुधार हो रहा है, जबकि देश के अन्य हिस्सों में स्थिति और खराब होती जा रही है।
उन्होंने कहा कि 2016 और 2022 के बीच वायु प्रदूषण में 30 प्रतिशत की कमी आई है और गंभीर वायु गुणवत्ता वाले दिनों की संख्या 2016 में 26 से घटकर 2022 में केवल छह हो गई।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…