यूनेस्को महानिदेशक ने मोदी से सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के भारतीय तरीके के बारे में पूछा…
नई दिल्ली, । संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की महानिदेशक औद्रे ऑजुले ने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की सराहना करते हुए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के भारतीय तरीके के बारे में जानना चाहा।
ऑजुले ने कहा कि 50 से अधिक भाषाओं और बोलियों के करोड़ों श्रोताओं के साथ यह निश्चित रूप से सर्वाधिक प्रतिष्ठित कार्यक्रमों में से एक है।
मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम को लेकर ऑजुले का एक विशेष संदेश मिलने का उल्लेख किया, जिन्होंने इसकी 100वीं कड़ी का हिस्सा बनाने का मौका देने के लिए प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा किया।
ऑजुले ने प्रसारण में कहा, ‘‘यूनेस्को और भारत का एक लंबा साझा इतिहास है। शिक्षा, विज्ञान,संस्कृति और सूचना के क्षेत्रों में हमारी बहुत मजबूत साझेदारी है और मैं इस अवसर का उपयोग आज शिक्षा के महत्व के बारे में बात करने के लिए करना चाहती हूं।’’
उन्होंने कहा कि यूनेस्को अपने सदस्य देशों के साथ यह सुनिश्चित करने के लिए कार्य कर रहा है कि विश्व में 2030 तक प्रत्येक व्यक्ति की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच हो।
ऑजुले ने प्रधानमंत्री से सवाल किया, ‘‘विश्व की सर्वाधिक आबादी वाले देश के रूप में क्या आप इस लक्ष्य को हासिल करने के भारतीय तरीके को बता सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यूनेस्को संस्कृति का समर्थन करने और धरोहर की रक्षा करने का भी कार्य करता है तथा भारत इस साल जी20 की अध्यक्षता कर रहा है। विश्व के नेता इस कार्यक्रम के लिए दिल्ली आएंगे।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘भारत, संस्कृति और शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय एजेंडा के शीर्ष पर कैसे रखेगा।’’
उन्होंने प्रसारण में कहा,‘‘मैं यह अवसर देने के लिए एक बार फिर आपका शुक्रिया अदा करती हूं और आपके जरिये भारत के लोगों को शुभकामना देती हूं।’’
मोदी ने ऑजुले के संदेश को विशेष बताते हुए यह उल्लेख किया कि उन्होंने सभी देशवासियों को कार्यक्रम की 100 कड़ी तक की इस शानदार यात्रा के लिये शुभकामनाएं दी हैं। साथ ही, उन्होंने (ऑजुले ने) कुछ सवाल भी पूछे हैं।
मोदी ने ऑजुले को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं ‘मन की बात’ कार्यक्रम की 100वीं कड़ी में आपसे बात करके खुश हूं। मुझे इस बात की भी खुशी है कि आपने शिक्षा और संस्कृति का महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है।’’
उनके सवालों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि यूनेस्को की महानिदेशक ने शिक्षा और संस्कृति के संरक्षण को लेकर भारत के प्रयासों के बारे में जानना चाहा है। उन्होंने कहा कि ये दोनों ही विषय ‘मन की बात’ के पसंदीदा विषय रहे हैं।
मोदी ने कहा, ‘‘बात शिक्षा की हो या संस्कृति की, उसके संरक्षण की बात हो या संवर्धन की, भारत की यह प्राचीन परंपरा रही है। इस दिशा में आज देश जो काम कर रहा है, वह वाकई बहुत सराहनीय है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति हो या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई का विकल्प हो, या शिक्षा में प्रौद्योगिकी को शामिल करना हो, आपको ऐसे अनेक प्रयास देखने को मिलेंगे। वर्षों पहले गुजरात में बेहतर शिक्षा देने और बीच में पढ़ाई छोड़ने की दर को कम करने के लिए ‘गुणोत्सव और शाला प्रवेशोत्सव’ जैसे कार्यक्रम जनभागीदारी की एक अद्भुत मिसाल बन गए थे।’’
उन्होंने कहा,‘‘मन की बात में हमने ऐसे कितने ही लोगों के प्रयासों को रेखांकित किया है, जो नि:स्वार्थ भाव से शिक्षा के लिए काम कर रहे हैं। आपको याद होगा, एक बार हमने ओडिशा में ठेले पर चाय बेचने वाले (दिवंगत) डी. प्रकाश राव जी के बारे में चर्चा की थी, जो गरीब बच्चों को पढ़ाने के मिशन में लगे हुए थे।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘झारखंड के गांवों में डिजिटल पुस्तकालय चलाने वाले संजय कश्यप जी हों, या कोविड (महामारी) के दौरान ‘ई-लर्निंग’ के जरिये कई बच्चों की मदद करने वाली हेमलता एन.के. जी हों, ऐसे अनेक शिक्षकों के उदाहरण हमने ‘मन की बात’ में शामिल किये हैं। हमने सांस्कृतिक संरक्षण के प्रयासों को भी ‘मन की बात’ में लगातार जगह दी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस साल हम जहां आजादी के अमृतकाल में आगे बढ़ रहे हैं, वहीं जी20 की अध्यक्षता भी कर रहे हैं। यह भी एक वजह है कि शिक्षा के साथ-साथ विविध वैश्विक संस्कृति को समृद्ध करने के लिये हमारा संकल्प और मजबूत हुआ है।’’
मन की बात की 100वीं कड़ी के लिए एक विशेष पुस्तक को लेकर अपने संदेश में ऑजुले ने कहा, ‘‘रेडियो एक सदी पहले अपने आविष्कार के बाद से हम सभी के जीवन का हिस्सा रहा है…रेडियो निकटता, जुड़ाव और विविधता का संदेश भी समाहित किये हुए है। रेडियो स्वतंत्रता का संदेश देता है…।’’
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…