दिल्ली पुलिस का एक्शन, कुख्यात गैंगस्टर को किया गिरफ्तार…

दिल्ली पुलिस का एक्शन, कुख्यात गैंगस्टर को किया गिरफ्तार…

नई दिल्ली, 27 अप्रैल। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने कुख्यात नंदू गैंग के हथियार सप्लायर विक्रांत उर्फ मेंटल को गिरफ्तार कर लिया है। कुछ दिन पहले ही यह गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया गैंग का हेड बना था। गैंग लीडर बनने के बाद किसी बड़ी आपराधिक वारदात की प्लानिंग अमल में ला पाता, उससे पहले ही इसे गिरफ्तार कर लिया गया। यह कुछ समय से दिल्ली के थाना वजीराबाद में अंजाम दिए गए हत्या के मुकदमे में और थाना प्रीत विहार में जबरन वसूली के मामले में भी फरार चल रहा था। इसके कब्जे से क्राइम ब्रांच ने दो ऑटोमेटिक और तीन देशी पिस्तौल, 16 जिंदा कारतूस और एक चोरी की स्कूटी बरामद किए हैं।

जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने हथियार सप्लायर विक्रांत उर्फ मेंटल को बिजवासन-नजफगढ़ रोड, बजघेरा के पास, दिल्ली से गिरफ्तार किया है। 25 साल का यह बदमाश दिल्ली के संगम विहार इलाके का रहने वाला है। तलाशी के दौरान एक ऑटोमेटिक पिस्तौल और 4 जिंदा कारतूस बरामद हुए। आरोपी के कब्जे से बरामद चोरी की स्कूटी से एक ऑटोमेटिक पिस्तौल, 3 देसी तमंचे और 16 जिंदा कारतूस भी मिले हैं। जून 2020 में आरोपी विक्रांत उर्फ मेंटल ने प्रिंस, हरि किशन, हनी रावत और अन्य के साथ संपत्ति के विवाद को लेकर वजीराबाद के राकेश चौहान की हत्या कर दी थी।

इस संबंध में थाना वजीराबाद, दिल्ली में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 302/34 और आर्म्स एक्ट 25/27 के तहत मामला दर्ज किया गया था। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के स्पेशल कमिश्नर रविंद्र सिंह यादव ने गुरुवार को टीवी9 से कहा, “राकेश चौहान के कत्ल वाले दिन ही गिरोह के सरगना प्रिंस तेवतिया के निर्देश पर, विक्रांत उर्फ मेंटल ने अपने साथियों हरी किशन और हनी रावत के साथ, शिकायतकर्ता पक्ष पर रंगदारी मांगने की धमकी देकर फायरिंग कर दी। इस संबंध में थाना प्रीत विहार दिल्ली में आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।

दोनों मामलों में विक्रांत को छोड़कर सभी आरोपी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। विक्रांत केस दर्ज होने के बाद से ही फरार चल रहा था। आरोपी विक्रांत कुख्यात प्रिंस तेवतिया गैंग का सदस्य है। 14 अप्रैल 2023 को प्रिंस तेवतिया की तिहाड़ जेल में अतातुर रहमान उर्फ अट्टा और रोहित चौधरी गिरोह के अन्य सदस्यों ने हत्या कर दी थी। उसके बाद प्रिंस तेवतिया गैंग की बागडोर अपने हाथ में ले चुके विक्रांत ने, रोहित चौधरी गिरोह के सदस्यों को खत्म करने की ठान ली थी।

कुख्यात प्रिंस तेवतिया की हत्या के बाद गैंगवार की आशंका और दिल्ली-एनसीआर में फायरिंग, हत्या और जबरन वसूली के बढ़ते मामलों को देखते हुए क्राइम ब्रांच की एक टीम का गठन संयुक्त आयुक्त एस.डी. मिश्रा और उपायुक्त अंकित कुमार सिंह के नेतृत्व में किया गया था। इन टीमों में सहायक आयुक्त नरेश कुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार और इंस्पेक्टर गुलशन, सब इंस्पेक्टर सचिन गुलिया, हवलदार विनोद, नरेंद्र, दीपक, श्याम सुंदर, मिंटू, पप्पू, धर्मराज, ओमवीर और हवलदार धीरज को शामिल किया गया था।

वजीराबाद हत्याकांड के बाद आरोपी विक्रांत उर्फ मेंटल गिरफ्तारी से बचने के लिए बार-बार ठिकाना बदल रहा था। गुप्त सूचना मिली थी कि प्रिंस तेवतिया की हत्या का बदला लेने के लिए विक्रांत, रोहित चौधरी गिरोह के सदस्यों को खत्म करने की योजना बना रहा है। नंदू गिरोह का संदीप छिकारा इस उद्देश्य के लिए उसे हथियारों की आपूर्ति करेगा। आरोपी विक्रांत के आने-जाने और गतिविधियों के बारे में एक सूचना मिली थी कि वह, हथियारों की बड़ी खेप लेकर बिजवासन-नजफगढ़ रोड पर आएगा।

उसी सूचना के आधार पर घेराबंदी कर क्राइम ब्रांच की टीमों ने विक्रांत को दबोच लिया। इस संदर्भ में थाना क्राइम ब्रांच में मामला दर्ज किया गया। बरामद स्कूटी भी चोरी की ही निकली। गिरफ्तार विक्रांत 12वीं पास है। पिता का साल 2021 में निधन हो गया। मां गृहिणी हैं। बुरी संगत में पड़कर वो नशे का आदी हो गया। उसके बाद विक्रांत, प्रिंस तेवतिया के गैंग में शामिल हो गया। जहां उसने अपने साथियों हरी किशन, हनी रावत के साथ मिलकर गिरोह बनाया और अपराधों को अंजाम देना शुरू कर दिया।

प्रिंस तेवतिया शुरुआत में रोहित चौधरी गैंग का सदस्य और विक्रांत, प्रिंस तेवतिया का सहयोगी था। साल 2018 में प्रिंस ने पैसों के लेन-देन के मसले को लेकर अपना अलग गिरोह बना लिया। आरोपी विक्रांत अपराधिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेता था। वो प्रिंस तेवतिया गिरोह के सभी अवैध कार्यों को अंजाम देता था। बाद में, यह गिरोह लॉरेंस बिसनोई और नंदू गिरोह से जुड़ गया। उसका गिरोह आम तौर पर सट्टा संचालकों, शराब तस्करों, बिल्डरों से संरक्षण का पैसा और हत्या की सुपारी भी लेता था। गिरोह के सदस्य कार चोरी, डकैती, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली और हत्या के मामलों में भी शामिल हैं। रोहित चौधरी प्रिंस तेवतिया गिरोह की गतिविधियों से खुश नहीं था।

प्रिंस तेवतिया का तिहाड़ जेल नंबर 3 में रोहित चौधरी गिरोह के सदस्य अतातुर रहमान उर्फ अट्टा से विवाद हो गया था। प्रिंस तेवतिया पर रोहित चौधरी गिरोह के सदस्यों ने हमला कर दिया और उसके बाद जेल में दोनों गिरोहों के सदस्य आपस में भिड़ गए। जेल भीतर हुई उस खूनी भिड़ंत में चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। प्रिंस तेवतिया को दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल ले जाया गया जहां, उसे मृत घोषित कर दिया गया। अतीत में अतातुर रहमान और प्रिंस तेवतिया दोस्त थे और उसी गिरोह से निकले थे जिसका नेतृत्व कभी, शक्ति नायडू करता था। जो एक मुठभेड़ में मारा गया था।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…