पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को ‘‘तेजी’’ से हल करने को लेकर सहमत हुए भारत और चीन: चीन रक्षा मंत्रालय…

पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को ‘‘तेजी’’ से हल करने को लेकर सहमत हुए भारत और चीन: चीन रक्षा मंत्रालय…

बीजिंग, 25 अप्रैल। चीन के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत और चीन के शीर्ष सैन्य अधिकारी ताजा दौर की वार्ता में सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के अलावा पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से जारी गतिरोध से संबंधित ‘‘प्रासंगिक मुद्दों’’ को ‘‘तेजी’’ से हल करने को सहमत हुए हैं।

चीन के रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, चीन-भारत कोर कमांडर स्तर की बैठक का 18वां दौर 23 अप्रैल को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी क्षेत्र की ओर स्थित चुशुल-मोल्डो सीमा केंद्र पर हुआ।

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की 27 तथा 28 अप्रैल को होने वाली बैठक में हिस्सा लेने के लिए चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू की भारत यात्रा से पहले वार्ता आयोजित की गई।

पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बयान में कहा, ‘‘प्रासंगिक मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच दोस्ताना व स्पष्ट बातचीत हुई।’’

बयान के अनुसार, ‘‘दोनों देशों के नेताओं के मार्गदर्शन में और दोनों विदेश मंत्रियों के बीच बैठक की उपलब्धियों के आधार पर दोनों पक्ष सैन्य तथा राजनयिक माध्यम से निकट संपर्क तथा संवाद बनाए रखने, चीन-भारत सीमा के पश्चिमी क्षेत्र पर प्रासंगिक मुद्दों के समाधान को गति देने और सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखने पर सहमत हुए।’’

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने सोमवार को बीजिंग में पत्रकारों को बताया कि दोनों पक्षों ने प्रासंगिक मुद्दों के समाधान में तेजी लाने पर गहन चर्चा की।

निंग ने कहा, ‘‘दोनों देशों के नेताओं की आम समझ के अनुसार, दोनों पक्षों ने प्रासंगिक मुद्दों के समाधान में तेजी लाने को लेकर गहन चर्चा की। संबंधित अधिकारी ही इस पर विस्तृत जानकारी दे सकते हैं।’’

विदेश मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी बयान में कहा गया कि पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से संबंधित प्रासंगिक मुद्दों के समाधान पर दोनों पक्षों ने खुलकर व गहन चर्चा की।

बयान के अनुसार, ‘‘दोनों पक्ष सैन्य व राजनयिक चैनल के माध्यम से निकट संपर्क और संवाद बनाए रखने तथा शेष मुद्दों का परस्पर स्वीकार्य समाधान निकालने की दिशा में काम करने को सहमत हुए। ’’

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में एलएसी से संबंधित प्रासंगिक मुद्दों के समाधान पर खुलकर और गहन चर्चा की, ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता कायम रखी जा सके जिससे द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति सुगम हो सके।’’

मंत्रालय के अनुसार, ‘‘दोनों देशों के नेताओं और मार्च 2023 में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से प्राप्त मार्गदर्शन के अनुरूप स्पष्ट चर्चा हुई। अंतरिम रूप से दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में सुरक्षा व स्थिरता बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की।’’

गौरतलब है कि सरकार पूर्वी लद्दाख का उल्लेख पश्चिमी सेक्टर के रूप में करती है।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दो मार्च को चीन के अपने समकक्ष छिन कांग के साथ नयी दिल्ली में जी20 समूह की एक बैठक से इतर वार्ता की थी। इसमें जयशंकर ने कांग से कहा था कि भारत और चीन के संबंधों की स्थिति ‘‘असामान्य’’ है।

गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में पांच मई 2020 को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद वहां गतिरोध शुरू हुआ। इसके बाद दोनों देशों के बीच सैन्य तथा कूटनीतिक स्तर की कई दौर की वार्ता के परिणामस्वरूप, दोनों पक्षों ने पैंगोंग झील के उत्तर तथा दक्षिण किनारे और गोगरा क्षेत्र से अपने-अपने सैनिक पीछे हटाए थे। हालांकि, कुछ मुद्दे अब भी सुलझ नहीं पाए हैं।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…