कर्जदारों से बचने के लिए पत्नी से दर्ज कराई गुमशुदगी, गिरफ्तार…
गाजियाबाद, । बैंक लोन और कर्जदारों से बचने के लिए पत्नी से लोनी बॉर्डर थाने पर अपनी गुमशुदगी दर्ज कराने वाले फुटकर विक्रेता को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी के साथ साथ पुलिस ने आरोपी की पत्नी, भाई, साढू और साले को भी गिरफ्तार किया है। इन पर फर्जी सूूचना देकर पुलिस को गुमराह करने का आरोप है। पुलिस का कहना है कि आरोपी पर बैंक लोन के अलावा सूदखोरों से करीब 8 लाख रुपए ले रखे थे। सूदखोरों के तकादे से परेशान होकर आरोपी ने परिजनों के साथ मिलकर खुद के गायब होने का नाटक रचा था।
डीसीपी जोन ग्रामीण रवि कुमार ने बताया कि राम विहार लोनी निवासी प्रीति पाण्डेय ने 14 अप्रैल को लोनी बॉर्डर थाने में अपने पति संतोष पाण्डेय की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया था कि संतोष परचून के सामान को दुकानों पर जाकर फुटकर में बेचते हैं। 13 अप्रैल को वह सामान की सप्लाई करने गए थे। जिसके बाद वापस घर नहीं लौटे। प्रीति की तहरीर पर पुलिस ने संतोष पाण्डेय की गुमशुदगी दर्ज कर उनकी तलाश के लिए टीम का गठन किया था। डीसीपी की मानें तो जांच में सामने आया कि संतोष ने बंथला में मकान बनवाया था। इसके लिए उसने बैंक लोन और कई सूदखोरों से करीब 7-8 लाख रुपए ब्याज पर लिए थे। सूदखोर उसपर रकम लौटने का दबाव बना रहे थे। जिसके चलते संतोष परेशान था। इसी परेशानी से बचने के लिए उसने पत्नी, साढू और साले के साथ मिलकर खुद के गायब होने का नाटक रचा और हरिद्वार पहुंच गया।
फोन नंबर की सीडीआर से खुला कर्ज का राज
डीसीपी रवि कुमार ने बताया कि पुलिस ने जब संतोष के मोबाइल नंबर की सीडीआर जांची तो गायब होने से पूर्व संतोष की कई लोगों से बातचीत का पता चला। इन लोगों से पूछताछ करने पर पता चला कि सभी के संतोष पर पैसे उधार हैं। इसके अलावा 15 अप्रैल को संतोष की पत्नी प्रीति और साली ज्योति ने पुलिस को एक मोबाइल लाकर दिया। बताया कि यह मोबाइल संतोष का है जो उन्हें घटनास्थल के पास झाडिय़ों में पड़ा मिला। पुलिस ने जब बताए गए घटनास्थल की जांच की तो प्रीति पर शक गहरा गया। जिस जगह से उन्होंने मोबाइल बरामद होने की बात बताई थी वहां से फोन बरामदगी का होना संभव नहीं लगा। इसके अलावा 14 अप्रैल को गुमशुदा संतोष द्वारा अपने परिजनों व रिश्तेदारों से बातचीत करने के सबूत मिले। तमाम जांच.पड़ताल के बाद पुलिस ने संतोष पाण्डेय को हरिद्वार से बरामद कर लिया और पुलिस को गुमराह करने के आरोप में उसकी पत्नी प्रीति पाण्डेय, भाई रोहित, उन्नाव निवासी साढू रविशंकर और साले रजनीश को गिरफ्तार कर लिया।
सिम बदलकर परिजनों के संपर्क में था संतोष
डीसीपी ग्रामीण की मानें तो गुमशुदा संतोष पाण्डेय ने करीब 15 दिन पूर्व खुद के गायब होने साजिश रची थी। प्लान था कि उसकी गुमशुदगी दर्ज होने के बाद कर्जदारों का उसके घर आना.जाना बंद हो जाएगा। साजिश के तहत ही 11 अप्रैल को उसने अपने भाई रोहित और बेटे को दुकान पर भेजकर एक सिम मंगाया था। 13 अप्रैल को वह सप्लाई के बहाने घर से मॉपेड पर निकला और मॉपेड को उमाशंकर की परचून की दुकान पर खड़ी कर दी। उमाशंकर से कहा कि वह चिरौड़ी में किसी व्यक्ति को पैसे देने जा रहा है। वहां से वह गायब हो गया।
संतोष से हो गई बड़ी गलती और खुल गया उसकी साजिश का राज
पुलिस की मानें तो संतोष ने गायब होने से पूर्व एक बड़ी गलती कर दी। उसने नए सिम को अपने मोबाइल फोन में डालकर पत्नी व बेटे से बात की और फिर आनंद विहार से बस पकड़ कर अपने रिश्तेदारों के घर उन्नाव चला गया। उन्नाव में संतोष ने अपना मोबाइल फोन साले, साली व साढू को सौंप दिया। कहा कि यह मोबाइल फोन पुलिस को दे देना। इसके बाद संतोष हरिद्वार चला गया। डीसीपी की मानें तो पुलिस ने जब उसके मोबाइल फोन के आइएमईआई नंबर की जांच की तो उसे संतोष का नया नंबर हाथ लग गया। जिसके आधार पर संतोष और उसके परिजनों व रिश्तेदारों की फर्जी साजिश बेनकाब हो गई।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…